बीते दिन बुधवार (13 दिसंबर) को संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक हुई और दो शख्स बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा के हस्ताक्षरित विजटर पास पर लोकसभा में घुस गए. इसके बाद सागर वर्मा और मनोरंज डी नाम के इन दोनों ने सदन में विजटर गैलरी से छलांग लगा दी और स्मोक कलर अटैक को अंजाम दिया. इस अटैक के पीछे फरार आरोपी ललित झा का दिमाग बताया जा रहा है.
अभी तक की जांच में ललित झा के मास्टरमाइंड होने का शक है. इसके पीछे बहुत बड़ी साजिश की बात कही जा रही है, जिसका खुलासा ललित झा के पकड़े जाने के बाद होगा. फिलहाल पुलिस ने पांच आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की है जिसमें सागर शर्मा, मनोरंजन डी, अमोल शिंदे, नीलम देवी और विशाल को हिरासत में लिया है. पूछताछ में खुलासा हुआ ललित झा के कहने पर ही 13 दिसंबर की तारीख तय हुई थी.
ललित झा ने सभी को गुरुग्राम में मीटिंग के लिए बुलाया था. जिसके बाद ये लोग संसद भवन के बाहर पहुंचे. संसद के अंदर ये चारों लोग घुसना चाहते थे लेकिन दो लोगों को ही पास मिल पाया था जिसकी वजह से दो लोग बाहर रह गए. ललित झा ने ही कलर अटैक का वीडियो मोबाइल में शूट कर सोशल मीडिया पर अपलोड किया. पकड़े गए चारों आरोपियों का एक ही सूत्रधार ललित निकला है जिससे सभी आरोपी संपर्क में थे.
घटना को अंजाम देने से पहले ललित ने ही चारों आरोपियों के फ़ोन अपने कब्जे में लिये और फरार हो गया. पुलिस को शक है कि मोबाइल में साजिश से जुड़े कई सबूत हो सकते हैं, जिन्हें ललित झा मिटाने की कोशिश कर सकता है. ललित झा की आखिरी लोकेशन नीमराना के पास आई है, उसकी तलाश में कई टीम लगातार रेड कर रही हैं. ललित झा से जुड़ी वेस्ट बंगाल की NGO की भी पड़ताल शुरू कर दी गई है. इस एनजीओ की फंडिंग की भी जांच होगी क्योंकि इसी NGO में ललित झा जनरल सेक्रेटरी है.