रेलवे में नौकरी के बदले जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री कराने के मामले में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। ईडी की पहली चार्जशीट पर दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रखा है। आगामी 20 जनवरी को कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। लैंड फॉर जॉब केस में ईडी की पहली चार्जशीट में पूर्व सीएम राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और अमित कात्याल का नाम शामिल है।
दरअसल, रेलवे में ज़मीन के बदले नौकरी से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पिछले दिनों पहली चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें ED ने कारोबारी अमित कात्याल समेत 7 लोगों को आरोपी बनाया था। इस चार्जशीट में ED ने लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी, मीसा भारती, हेमा यादव और हृदयानंद चौधरी को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा दो कंपनियों को भी इस मामले का आरोपी बनाया गया है।
ईडी की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की और फैसला सुरक्षित रखा है, जिसे आगामी 20 जनवरी को सुनाया जाएगा। बीते 9 जनवरी को ईडी ने कोर्ट में बताया थी कि इन चार लोगों को गिरफ्तार नहीं किया है, इस मामले में जांच जारी है। जांच में मिले तथ्यों के आधार पर आगे सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी। राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी को आदेश दिया था कि वह चार्जशीट की ई-कॉपी भी फाइल करे।
बता दें कि इस मामले ईडी ने पहली चार्जशीट दाखिल की है जबकि सीबीआई 3 चार्जशीट फाइल कर चुकी है। पिछले दिनों ईडी ने इस मामले में कारोबारी अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था। अमित कात्याल से पूछताछ के दौरान ईडी को कई नई जानकारियां मिली हैं। जिसके बाद ईडी ने लालू और तेजस्वी को पूछताछ के लिए समन जारी किया था। आरोप है लालू प्रसाद ने रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी देने के बदले अपने और अपने परिवार के लोगों के नाम पर जमीन और फ्लैट की रजिस्ट्री कराई थी।