बिहार की सियासत में जारी उठापटक के बीच बड़ी खबर आयी है. लालू यादव ने नीतीश और बीजेपी की नयी चाल के सामने सरेंडर कर दिया है. राजद ने अपनी सरकार बनाने की कोशिशें छोड़ दी है. लालू यादव ने तय कर लिया है कि नीतीश कुमार और बीजेपी की नयी सरकार बनने के बाद विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।
राजद के एक वरीय नेता ने फर्स्ट बिहार को बताया कि लालू यादव ने देर शाम अपनी पार्टी के प्रमुख नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में तय किया गया कि सरकार बनाने या 28 जनवरी को बनने जा रही नयी सरकार को अस्थिर करने की कोई कोशिश नहीं की जायेगी. लालू ने कहा कि तेजस्वी यादव विधानसभा में विपक्ष के नेता की मजबूत भूमिका निभायेंगे. राजद विधायक अब सड़क पर संघर्ष करेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफा देंगे
लालू यादव ने अपनी पार्टी के नेताओं को बताया कि तुरूप का इक्का माने जाने वाले विधानसभा अध्यक्ष पद पर अवध बिहारी चौधरी के बने रहने का कोई मतलब नहीं है. लिहाजा 28 जनवरी को अगर नयी सरकार बनती है तो विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी भी इस्तीफा दे देंगे. हालांकि वे तुरंत इस्तीफा नहीं देंगे. 5 फरवरी से बिहार विधानमंडल का बजट सत्र शुरू होने वाला है. सत्र शुरू होने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष इस्तीफा दे देंगे और कुर्सी छोड़ देंगे।
वैसे लालू यादव ने कांग्रेस को सतर्क रहने को कहा है. आज शाम भी उन्होंने कांग्रेस के वरीय नेताओं से फोन पर बात की. उन्होंने आशंका जतायी कि कांग्रेस के कुछ विधायकों के टूटने का खतरा है. लिहाजा कांग्रेस आलाकमान अपना घर दुरूस्त करे. लालू ने आज भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्या से बात की. हालांकि 12 विधायकों वाली माले के टूटने का खतरा नहीं है. सीपीआई और सीपीएम के भी दो-दो विधायक हैं. उनके टूटने का भी खतरा नहीं है. लालू ने वामपंथी पार्टियों से कहा है कि वे राजद के साथ मजबूती से विधानसभा और सदन के बाहर नयी बनने जा रही सरकार के खिलाफ संघर्ष करें।