बिहार में राज्य सरकार अपने बल पर जाति आधारित गणना करवा रही है. इसको रोकने के लिए इससे संबंधित याचिका पटना हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दायर की गई लेकिन फैसला राज्य सरकार के पक्ष में ही रहा और गणना जारी है। लगातार इसको लेकर नीतीश सरकार बीजेपी पर हमला भी करती है। एक बार फिर आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इसको लेकर न सिर्फ केंद्र को घेरा है बल्कि बड़ा बयान भी दिया है।
लालू यादव ने कहा कि भारत में जाति-आधारित व्यवस्था में हर संदर्भ की व्याख्या होनी चाहिए। कास्ट प्राइड इस दिशा में महत्वपूर्ण किताब है। उन्होंने कहा कि जातियों का भारत में महत्वपूर्ण इतिहास रहा है। ऐसे में बिहार में जातियों की गणना कराने के बिहार सरकार का निर्णय बेहद सराहनीय है।
उन्होंने आगे कहा कि जब तक समाज में सभी जातियों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का स्पष्ट आकलन नहीं हो जाता है तब तक उनका सर्वांगीं विकास संभव नहीं है। जाति गणना उस दिशा में बेहद महत्वपूर्ण आयाम होगा। उन्होंने कहा कि जातीय गणना का अभी भी कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। ऐसा ही विरोध उन्हें मंडल कमिशन की सिफारिशों को लागू कराने के समय झेलना पड़ा था।
इस दौरान ही लालू ने केंद्र की मोदी सरकार को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि भारत में पिछड़े वर्गों और एससी-एसटी के प्रति दुर्भावना हमेशा से रहा है। पीएम मोदी को डरा हुआ बताते हुए उन्होंने कहा कि जातियों को लेकर उनका डर दिख रखा है। जाति गणना कराने का निर्णय नहीं लेना उसी का सूचक है।