जमानत रद्द करने की याचिका पर बोले लालू यादव, कहा- सीबीआई मुझे हाई कोर्ट से मिली राहत को चुनौती नहीं दे सकती

GridArt 20230821 115813258

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू यादव ने सोमवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका का विरोध किया, जिसमें चारा घोटाले से संबंधित डोरंडा कोषागार मामले में उन्हें दी गई जमानत रद्द करने की मांग की गई है। जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल 22 अप्रैल को झारखंड हाई कोर्ट ने इस मामले में लालू यादव को जमानत दे दी थी। बता दें कि 75 साल के राजद नेता को डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये से अधिक के गबन के मामले में रांची की एक विशेष सीबीआई अदालत ने पांच साल जेल की सजा सुनाई थी और 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।

‘हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा’

अपने जवाब में लालू यादव ने खराब स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें हिरासत में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह सामान्य सिद्धांतों और समान नियमों पर आधारित है।

इस साल सुनाई गई थी सजा

15 फरवरी 2022 को रांची की सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाला मामले में लालू यादव को दोषी करार दिया था। 21 फरवरी को उन्हें पांच साल की कैद और 60 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई। 75 वर्षीय राजद नेता के पास घोटाले की अवधि के दौरान अविभाजित बिहार का वित्त विभाग था।

इससे पहले चार अन्य मामलों में सुनाई गई थी 14 साल जेल की सजा

लालू यादव को कथित तौर पर पशुपालन विभाग के माध्यम से रिश्वत मिली थी। फर्जी चालान और बिल जारी किए गए जिन्हें वित्त विभाग द्वारा मंजूरी दे दी गई और राजकोष के माध्यम से पैसा जारी किया गया। राजद संरक्षक को इससे पहले झारखंड में दुमका, देवघर और चाईबासा कोषागार से संबंधित चार अन्य मामलों में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.