PATNA: लैंड फॉर जॉब स्कैम से जुड़ी इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है। ईडी की गिरफ्त में आए लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। अमित कात्याल ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमा को रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे वापस ले लिया है। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही ईडी ने पिछले दिनों लालू परिवार के करीबी अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था। ईडी ने अमित कात्याल को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था, जहां से कोर्ट कात्याल को 5 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
दरअसल, ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े इस मामले में कार्रवाई करते हुए बीती 11 नवंबर को लालू के करीबी अमित कात्याल को गिरफ्तार किया था। 11 नवंबर को गिरफ्तार किये गये अमित कात्याल को ईडी ने 16 नवंबर तक रिमांड पर लिया था। ईडी ने रिमांड अवधि खत्म होने के बाद कात्याल को कोर्ट में पेश किया उसकी रिमांड बढ़ाने की मांग की थी। ईडी ने कोर्ट में कहा था कि कात्याल से पूछताछ में कई अहम सुराग मिले हैं, और पूछताछ करना जरूरी है। इसके बाद कोर्ट ने उसे 22 नवंबर तक ईडी की रिमांड में भेज दिया था।
लंबी पूछताछ के बाद आज ईडी ने फिर से अमित कात्याल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया था। जिसके बाद कोर्ट नेअमित कात्याल को 5 दिसंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। आरोप है कि लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे में नौकरी लगवाने के बदले में कई लोगों से उनकी जमीन लालू यादव और उनके परिवार के सदस्यों के नाम लिखवा ली गई थी। अमित कात्याल एक कारोबारी है। अमित की कंपनी का नाम जमीन के बदले नौकरी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर सामने आया था। अपने खिलाफ दर्ज मुकदमें को रद्द कराने के लिए अमित कात्याल ने सुप्रीम कोर्ट में यातिका दायर की थी, जिसे उसने वापस ले लिया है।
कौन है अमित कात्याल?
अमित कात्याल वह कारोबारी है जिसने बिहार में राबड़ी देवी की सरकार के समय पटना के बिहटा के पास बीयर फैक्ट्री लगायी थी। उस कंपनी में लालू-राबड़ी की एक बेटी को डायरेक्टर भी बनाया गया था। बाद में कात्याल ने AK इंफोसिस्टम नाम की कंपनी बना ली। इस कंपनी ने बड़े पैमाने पर जमीन खरीदी। इस कंपनी को जमीन बेचने वाले में ऐसे लोग भी शामिल थे जिनके परिजनों को लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे में नौकरी दी गयी थी। ईडी और सीबीआई की जांच के मुताबिक कात्याल की एक कंपनी ने 2010 में तेजस्वी यादव को गाड़ी गिफ्ट किया था। बाद में सिर्फ एक लाख रूपये में अपनी कंपनी AK इंफोसिस्टम के सारे शेयर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के नाम कर दिया था।
ईडी और सीबीआई के मुताबिक, अमित कात्याल ने तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को करीब 85 लाख रूपये का कर्ज दिया और फिर उसे माफ कर दिया। कात्याल की एक कंपनी की ओर से तेजस्वी की कंपनी को मोटी रकम कर्ज के तौर पर दी गयी, लेकिन उसकी कभी वापसी नहीं हुई। कात्याल ने अपनी एक कंपनी में मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार को भी डायरेक्टर बनाया था। कई कंपनियों के मालिक कात्याल ने अपनी कंपनी की ओर से मीसा भारती को ब्रोकरेज के तौर पर मोटी रकम भी दी थी।