बिहार में फरवरी महीने में लागू हुए “बिहार निबंधन नियमावली 2019” के नए नियम को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया है। अब बिहार के लोग बिना दाखिल खारिज कराए हुए या फिर जमाबंदी ट्रांसफर कराए हुए जमीन की रजिस्ट्री पहले के नियमों के अनुसार कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अगली सुनवाई सितंबर महीने में होगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बिना जमाबंदी (यानी दाखिल खारिज हुए) जमीन के होल्डिंग की खरीद-बिक्री पर पटना हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा है कि इसकी अगली सुनवाई सितंबर महीने में की जाएगी।
न्यायमूर्ति एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने इस आदेश को सुनाया। आवेदक के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बिहार सरकार ने 10 अक्टूबर 2019 को “बिहार निबंधन नियमावली” के नियम 19 में बदलाव किया था। इसमें एक नया नियम जोड़ा गया था, जिसके अनुसार जमीन की खरीद-बिक्री और दान तभी हो सकते हैं जब जमीन बेचने वाले या दान करने वाले के नाम से जमाबंदी या होल्डिंग कायम हो।
संशोधन के बाद निबंधन पदाधिकारी को अचल संपत्ति की बिक्री या दान के लिए पेश किए गए दस्तावेज निबंधन करने से पहले यह सुनिश्चित करना होता था कि जमीन बेचने या दान करने वाले व्यक्ति के नाम से जमाबंदी या होल्डिंग कायम है। ऐसा नहीं होने पर निबंधन नहीं होता था।बीते 9 फरवरी को इस संशोधन को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे सही करार देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इस संशोधन पर रोक लग गई है और यह नियम स्वतः निरस्त हो गया है।
यानि अब बिहार के लोग बिना दाखिल खारिज के भी जमीन आसानी से बेच सकते हैं। इसके लिए रजिस्ट्री की प्रक्रिया जल्द ही शुरू हो जाएगी। नए नियम लागू होने के कारण फरवरी महीने से अब तक जमीन की रजिस्ट्री में 90 फ़ीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी, जिसके कारण प्रदेश के लोग काफी परेशान थे और राज्य सरकार के राजस्व में भी भारी नुकसान हो रहा था।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.