राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के स्तर से चल रहे जमीन सर्वे की प्रक्रिया में एक बार फिर रुकावट सामने आई है। अब राज्य के अंदर 21 फरवरी तक के लिए जमीन सर्वे के काम में रूकावट आई है। अब ऑनलाइन दस्तावेज और वंशावली जमा करने की प्रक्रिया फिलहाल बंद हो गई है। इसकी मुख्य वजह इसके सर्वर में समस्या आना है।
दरअसल, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने स्वघोषणा-पत्र जमा करने में आम लोगों को हो रही परेशानी के मद्देनजर इसकी ऑफलाइन व्यवस्था की है। ऐसे में 21 फरवरी तक के लिए ऑनलाइन स्वघोषणा बंद कर दिया गया है। अब लोग स्वघोषणा भरकर ऑफलाइन संबंधित अंचल कार्यालय परिसर में लगे शिविरों में जमा कर सकते हैं। 22 फरवरी से ऑनलाइन दस्तावेजों को जमा करने की व्यवस्था फिर पहले की तरह शुरू हो जाएगी। इससे संबंधित एक एडवाइजरी निदेशालय के स्तर से जारी की गई है। सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर भी इसकी सूचना दी गई है।
वहीं, निदेशालय द्वारा राज्य के सभी 9 प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर का प्रावधान किया जा रहा है। इसमें 3 प्रमंडल भागलपुर, पूर्णिया और मुंगेर का सर्वर अलग कर दिया गया है। शेष बचे 6 प्रमंडलों का सर्वर अलग करने का काम अभी चल रहा है। जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा। इसी वजह से ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने में समस्या आ रही है।
मालूम हो कि,इसके पिछले महीने भी सर्वर में समस्या आ गई थी, जिसके बाद 20 से 25 दिनों तक ऑनलाइन माध्यम से दस्तावेजों को जमा करने की प्रक्रिया बंद हो गई थी। इसी दौरान विभाग ने सभी प्रमंडलों का सर्वर अलग-अलग करने का निर्णय लिया था। इसकी प्रक्रिया अभी जारी है। हालांकि बीच में ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। अब फिर से समस्या आने के कारण इसे बंद कर दिया गया है।
आपको बता दें कि, बिहार में इस वर्ष मार्च तक स्वघोषणा के जरिए जमीन के दस्तावेज जमा करने की समयसीमा निर्धारित की गई है। लोग इस काम में बढ़ चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं। अब तक 78 लाख रैयतों ने स्वघोषणा समर्पित कर दिया है। सर्वर की समस्या दूर होते ही इसमें तेजी आने की संभावना है।
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