महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन स्थल पर खोज एवं बचाव का काम तीसरे दिन भी जारी रहा। शनिवार देर शाम खऱाब मौसम के चलते बचाव कार्य रोक दिया गया है। अब बचाव का काम रविवार सुबह से शुरू होने की संभावना है। मलबे से अबतक 27 शव निकाले जा चुके हैं जबकि 78 लोग अभी-भी लापता बताए जा रहे हैं। रायगढ जिला प्रशासन ने अधिकारिक तौर पर यह जानकारी दी है ।
आज मलबे से पांच और शव बरामद किए गए
राहत और बचाव के दौरान आज मलबे से पांच और शव बरामद किए गए। अधिकारियों ने बताया कि पांच शवों में से चार की पहचान कर ली गई है जबकि एक अन्य की पहचान नहीं हो पाई है। एनडीआरएफ के अधिकारी ने कहा, “आज पांच और शव मिलने के साथ ही भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 तक पहुंच गई है।” इससे पहले एक अधिकारी ने बताया था कि शनिवार को बरामद शवों की पहचान माही मधु तिरकत (32), आशी पांडुरंग (50), भारती मधु भूतबरा (18) और किशन तिरकत(27) के रूप में हुई है।
मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर तटीय रायगढ़ जिले की खालापुर तहसील में एक पहाड़ी पर स्थित आदिवासी गांव में बुधवार की रात भूस्खलन हुआ। गांव के 48 में से कम से कम 17 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से मलबे में दब गए। अधिकारियों ने कहा कि इस सुदूर गांव में पक्की सड़क नहीं है, इसलिए मिट्टी की खुदाई करने वाले मशीनों को वहां आसानी से नहीं ले जाया जा सकता।
लोगों को सुरक्षित जगहों पर बसाया जाए : उद्धव
शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में भूस्खलन के प्रति संवेदनशील इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर बसाया जाना चाहिए। उन्होंने रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में हुए भूस्खलन में बचे लोगों की तलाश में चलाए जा रहे बचाव अभियान के बीच यह टिप्पणी की। इरशालवाड़ी के निवासियों से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से उद्धव ने कहा कि उन्होंने भूस्खलन के प्रति संवेदनशील इलाकों में रह रहे ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर बसाने की योजना बनाई थी।