कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान से जब पूछा गया कि आखिर कांग्रेस के साथ ऐसा क्यों हो रहा है? तो उन्होंने इस पूरे मामले का ठीकरा भाजपा पर फोड़ा और कहा कि धन-बल-छल लोकतांत्रिक व्यवस्था को तोड़ने की परंपरा भारतीय जनता पार्टी ने पूरे देश में चलाई है. उसी की एक झलक यहां देखने को मिल रही है. मैं दूर की बात कहता हूं, इस तरीके से देश-समाज के डेमोक्रेटिक पॉलिटिक्स का फायदा नहीं होने वाला है।
‘जिन्होंने पार्टी छोड़ी वो गद्दार’ : अफसोस का मुकाम यह है कि जो लोग चुनकर आते हैं, जिस सिंबल पर चुनाव जीत कर आते हैं, जिस रिसोर्सेज के साथ आते हैं, वह दूसरी तरफ चले जाते हैं. इनकी गिनती गद्दारों के लिस्ट में होती है. जहां जाते हैं उन्हें लगता है कि क्षणिक खुशी मिल गई है, ऐसा होता नहीं, वह जिस पार्टी के पक्ष में नारे लगा रहे थे वह दूसरी पार्टी में चले जाते हैं. इसके परिणाम अच्छे नहीं होते हैं।
देश और समाज के लिए खतरनाक : कांग्रेस नेता से पूछा गया कि मंगलवार का जो दिन था वह कांग्रेस के लिए काफी बैड डे था. हिमाचल से लेकर बिहार तक में टूट हो गई. इस पर शकील अहमद खान ने कहा कि ”यह अफसोसनाक है, यह जो चीज चल रही हैं वह देश और समाज के लिए खतरनाक चल रही. आखिर हम लोग नई जेनरेशन के लिए कौन सा उदाहरण पेश कर रहे हैं, आप यही उदाहरण पेश कर रहे हैं कि आपके पास पैसे हों, सरकार हो तो आप तोड़-ताड़ कर दूसरे पार्टी से लोगों को लाएंगे और अपनी संख्या बढ़ा लेंगे. इसका किसको लाभ मिलेगा. इतिहास तो रहेगा देश और समाज भी रहेगा. यह बहुत अफसोसनाक है.”
‘हम वैचारिक रूप से संघर्ष कर रहें है’ : कांग्रेस नेता से जब पूछा गया कि चर्चा यह भी चल रही थी कि कुछ और विधायक सत्तारूढ़ दल में जाएंगे. तो शकील अहमद खान ने कहा कि कुछ भी हो सकता है. जब वकील वही हों, मुंशी भी वही हों, जज भी वही हों तो अपने केस का तो फैसला अपने हक में लिखवा लेंगे. हम अपने विचार और अपने दल के साथ हैं. पूरे देश में जो एमएलए हैं वह वैचारिक रूप से संघर्ष कर रहें है. भारतीय जनता पार्टी और आरएसएस से कांग्रेस का बहुत पुराना वैचारिक संघर्ष है जो चलेगा और अंत में जीत सच्चाई की होगी. देश की एकता और सामाजिक एकता बनी रहेगी।
‘जिन्होंने पाला बदला, उनकी सदस्यता जाएगी’ : बिहार में पाला बदलने वाले विधयकों के बारे में कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि जो संवैधानिक चीज हैं उसको लेकर हम लोगों ने स्पीकर के सामने कहा है कि वह गलत गए हैं. और हम लोगों ने स्पीकर से कहा है कि उनको सदन से निकाल दिया जाए. उन लोगों ने कानून तोड़ा है. उनकी सदस्यता रद्द की जाए।