बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि घोषणा के बावजूद उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव राज्य के सरकारी अस्पतालों का भ्रमण नहीं कर रहे हैं। उनका मिशन 60 की घोषणा हवा-हवाई साबित हुआ। सिन्हा ने कहा कि विरोधी दल के नेता के रूप में जब वे बिहार की ख़राब एवं दयनीय स्वास्थ्य सेवा पर प्रश्न उठाते हैं तो सत्ता पक्ष को मिर्ची लगती है। अब स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ने किशनगंज जिला का भ्रमण कर अस्पतालों की साफ़-सफाई, चिकित्सा व्यवस्था और मरीजों के बारे में जो भयावह स्थिति देखी। उससे वे स्वयं असंतुष्ट थे। सरकार को इससे बड़ा प्रमाण क्या चाहिए।
सिन्हा ने कहा कि 5-5 विभागों का प्रभार स्वयं लेकर तेजस्वी यादव किसी भी विभाग का ठीक ढंग से काम नहीं कर पा रहे हैं। अगस्त 2022 में सरकार में आने पर इन्होने स्वास्थ्य सेवा में बदलाव, सरकारी अस्पतालों में सुधार, दवाई की उपलब्धता एवं मिशन 60 की घोषणा की थी, पर धरातल पर कुछ नहीं हो सका। सरकार के द्वारा मुफ्त में 300 से अधिक दवाई सरकारी अस्पतालों के मरीजों को उपलब्ध कराने का दावा किया गया। वास्तविकता यह है की मरीज बाहर से दवाई खरीद रहे हैं। डॉक्टर, बेड, चिकित्साकर्मी एवं उपकरणों का भी सरकारी अस्पताल में अभाव है। अस्पतालों में पहली वर्षा में जल-जमाव अब आम बात हो गई है।
सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री बीमार चल रहे हैं। बिहार के अस्पतालों की दुखद स्थिति के कारण उन्हें अपना इलाज कराने राज्य के बाहर जाना पड़ता है। पुर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद भी अपने पुत्र के विभागीय अस्पताल में इलाज कराने से डरते हैं। इसलिए वे भी राज्य के बाहर जाकर ही इलाज कराते हैं। जब राज्य के मुख्यमंत्री औऱ पूर्व मुख्यमंत्री के लिए स्वास्थ्य विभाग राज्य में बेहतर चिकित्सा उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है तो आम मरीजों की दुर्दशा का आकलन करना कष्टदायी है।
सिन्हा ने कहा कि सरकार को राज्य की बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए शीघ्र कदम उठाने चाहिए। राज्य में मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।सरकारी अस्पतालों की दुर्दशा के कारण इन्हें प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ता है। गरीबी के कारण यहां इनकी चिकित्सा में इनका सबकुछ बिक जाता है। सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए और राज्य में आयुष्मान भारत के तहत अधिक से अधिक लोगों को आच्छादित कराने हेतु प्रयास करना चाहिए ताकि केंद्र सरकार की मदद से गरीबों का इलाज हो सके।