‘छोड़िए नौकरी अपना बिजनेस शुरू करिये’, जैसे पूर्णिया के विशंभर करते हैं 20 लाख की बचत

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पूर्णिया : वर्तमान में बिहार के युवा दूसरे प्रदेशों में नौकरी करने के बदले अपना रोजगार कर रहे हैं. कई सफल उद्यमी बन गए हैं तो कई करोड़पति बनने की राह पर हैं. इसी कड़ी में पूर्णिया के विशंभर कुमार भी हैं, जो मछली पालन से करोड़पति बनने वाले हैं. इस मछली पालन ने महीने के लाखों रुपए कमा रहे हैं. आईए जानते हैं कि मछली पालन के लिए क्या-क्या करना पड़ता है?

6 साल से मछली पालनः बिहार के साथ-साथ कई राज्यों में मछली की डिमांड है. विशंभर बताते हैं कि वे 2018 यानी 6 साल से मछली पालन कर रहे हैं और महीने के लाखों रुपये कमा रहे हैं. उन्होंने बताया कि 2019 में सरकार की ओर से भी काफी मदद की गयी. वर्तमान में सिंघी, वियतनामी कोई, पंगास सहित कई तरह की मछलियों का पालन कर रहे हैं।

पिता भी करते थे मछली पालन: उन्होंने बताया कि इनके पिता भी इस व्यवसाय में पहले से थे तो उन्हें बहुत अधिक परेशानी नहीं हुई. उन्होंने बताया कि वर्तमान में बायोफ्लॉक के माध्यम से मछली पालन कर रहे हैं. इसे और आगे बढ़ाने के लिए तीन बीघे में पोखर भी खुदवाया है. उन्होंने बताया कि वर्तमान में सिंघी मछली की कीमत 600 से 700 रुपये प्रति किलो है।

20 लाख की बचतः तीन बीघे में तालाब से दो बार में 300 से 400 क्विंटल मछलियों का उत्पादन होता है. इसे बाजार में बेचकर लगभग दो बार में 10 लाख रुपये की बचत होती है. उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से 70 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है. कम पूंजी से मत्स्य पालन शुरू किया था. आज महीने में लाखों रुपये की बचत हो जाती है।

“पहले बायोफ्लॉक से मछली पालन शुरू किया. इसके बाद एक बीघे में तालाब खुदवाया और फिर तीन बीघे में इसका विस्तार किया. वर्तमान में सिंघी, वियतनामी कोई, पंगास आदि कई मछली है. सिंघी की कीमत 600 से 700 प्रति किलोग्राम है. दो बार में 300 से 400 क्विंटल मछली का उत्पादन होता है. इससे दोनों बार 10 लाख की बचत होती है.” -विशंभर कुमार, व्यवसायी

बड़े पैमाने पर मछली पालन: साल 2022-23 की बात करें तो बिहार में 846 लाख टन मछली पालन हुआ था. 2021-22 में यह 761 टन था. बीते साल के मुताबिक 2022-23 में 85 हजार टन ज्यादा है।

मछली पालन में शेखपुरा आगेः बता दें कि बिहार में सबसे ज्यादा शेखपुरा में मछली उत्पादन होता है. इसके अलावे अन्य जिलों में भी मछली उत्पादन होता है लेकिन शेखपुरा अपने राज्य के अलावे दूसरे राज्यों को भी मछली उपलब्ध कराता है. बता दें कि सरकार इसके लिए लोन के साथ साथ 50 से 70 प्रतिशत का सब्सिडी देती है. इसके साथ कई प्रकार की मदद की जाती है।

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