लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी भारतीय सेना के नए प्रमुख होंगे. 30 जून को वो जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे. उपेंद्र द्विवेदी ने लंबे समय तक जम्मू-कश्मीर में सेवाएं दी है. इसी साल 19 फरवरी को उपेंद्र द्विवेदी ने थल सेना के उपप्रमुख का पदभार ग्रहण किया था. इससे पहले द्विवेदी 2022-2024 तक उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ के पद पर थे.
उपेंद्र द्विवेदी मध्य प्रदेश में रीवा के सैनिक स्कूल के छात्र रहे हैं. 39 साल से ज्यादा के अपने करियर के दौरान उन्होंने देश भर में चुनौतीपूर्ण माहौल में कमान संभालने वाले पदों को संभाला है. उन्होंने कश्मीर घाटी के साथ-साथ राजस्थान में भी यूनिट की कमान संभाली. वो उत्तर पूर्व में आतंकवाद निरोधी माहौल में सेक्टर कमांडर और असम राइफल्स के महानिरीक्षक रहे हैं.
सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चीन से बातचीत में भी शामिल रहे
उपेंद्र द्विवेदी ने पश्चिमी सीमाओं पर राइजिंग स्टार कोर की कमान भी संभाली है. उत्तरी और पश्चिमी दोनों सीमाओं पर चुनौतीपूर्ण माहौल में उत्तरी सेना की कमान संभाली. इस दौरान उन्होंने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद निरोधी अभियानों के संचालन के अलावा, उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर रणनीतिक मार्गदर्शन किया.
उपेंद्र द्विवेदी सीमा विवाद मुद्दे को सुलझाने के लिए चीन के साथ बातचीत में भी शामिल रहे. भारतीय सेना की सबसे बड़ी कमान के आधुनिकीकरण में भी योगदान दिया. साथ ही माउंटेन डिवीजन, स्ट्राइक कोर और सेना मुख्यालय में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है. सुरक्षाबलों को आधुनिक हथियारों से लैश कराने के मामले में भी उनका योगदान रहा है.
बतौर इन्फैंट्री महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल ने तीनों सेनाओं के लिए हथियारों की खरीद को लीड किया. इसका नतीजा रहा कि सशस्त्र बलों की क्षमता में बेहतरी हुई. प्रशिक्षण संबंधी पदों पर भी रहे हैं. उन्होंने रक्षा और प्रबंधन में एम. फिल. किया है. इसके अलावा सामरिक अध्ययन और सैन्य विज्ञान में दो मास्टर डिग्रियां ली हैं.