मुजफ्फरपुर: “साथ जिएंगे, साथ मरेंगे…” — हिंदी फिल्मों की यह मशहूर लाइन बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में हकीकत बन गई। जिले के कुढ़नी थाना क्षेत्र के किशुनपुर मधुवन गांव में एक बुजुर्ग दंपति ने जीवन भर साथ निभाने की कसमें अंतिम सांस तक निभाईं। पति की मौत के कुछ ही देर बाद पत्नी ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया। दोनों का अंतिम संस्कार एक ही चिता पर किया गया, जिसने पूरे इलाके को भावुक कर दिया।
एक साथ अंतिम यात्रा
गांव के निवासी कैलाश बैठा (55) की शुक्रवार देर रात अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने तत्काल उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। पति के निधन की सूचना मिलते ही उनकी पत्नी गुजरी देवी (50) ने भी गहरे सदमे में दम तोड़ दिया।
गांव वालों के अनुसार, कैलाश बैठा और गुजरी देवी का दांपत्य जीवन प्रेम और आपसी समझ का उदाहरण था। उनके निधन के बाद गांव में शोक की लहर दौड़ गई। दोनों की अर्थी एक साथ उठी और अंतिम यात्रा भी एक साथ निकाली गई।
एक ही चिता पर अंतिम संस्कार
पति-पत्नी का एक साथ अंतिम संस्कार किए जाने की घटना ने हर किसी की आंखें नम कर दीं। किशुनपुर मधुवन गांव में यह घटना प्रेम, समर्पण और साथ जीने-मरने की एक मिसाल बन गई है।
गांव के लोगों का कहना है कि कैलाश और गुजरी देवी का जीवन भर एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सम्मान का भाव था, जो उनकी मृत्यु के बाद भी दिखाई दिया।