LJP दफ्तर की लड़ाई अदालत तक पहुंची, चाचा ने भतीजे को ‘मालिकाना हक’ मिलने के फैसले को दी हाईकोर्ट में चुनौती
आरएलजेपी का पटना स्थित दफ्तर चिराग पासवान को दिए जाने के भवन निर्माण विभाग के निर्णय के खिलाफ पशुपति पारस ने पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी है. आरएलजेपी ने भवन निर्माण विभाग के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है. भवन निर्माण विभाग ने 8 जुलाई को एक पत्र जारी कर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी कार्यालय एक व्हीलर रोड शहीद पीर अली का मार्ग का आवंटन चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (रामविलास) को कर दिया था. भवन निर्माण विभाग के द्वारा 13 जून 2024 को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया था।
भवन निर्माण विभाग के निर्णय को चुनौती: भवन निर्माण विभाग के फैसले के खिलाफ पशुपति कुमार पारस की तरफ से एक आवेदन कोर्ट में दिया गया है. जिसमें भवन निर्माण विभाग के फैसले पर तत्काल रोक लगाने की मांग की गई है. आवेदन में कहा गया है कि भवन निर्माण विभाग में 13 जून को उनके पार्टी कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया था. इसको लेकर उनकी पार्टी की तरफ से आपत्ति दर्ज की गई थी लेकिन भवन निर्माण विभाग ने एकतरफा फैसला लेते हुए उनकी पार्टी के कार्यालय का आवंटन एलजेपीआर को कर दिया गया है।
भवन निर्माण विभाग के फैसले पर सवाल: पार्टी के मुख्य प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि जब लोक जनशक्ति पार्टी में टूट हुई थी, तब पशुपति कुमार पारस की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का गठन हुआ. निर्वाचन आयोग ने उसे क्षेत्रीय दल का मान्यता भी दी. उसी के बाद आरएलजेपी की तरफ से भवन निर्माण विभाग को पत्र दिया गया था कि इस कार्यालय का आवंटन राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के नाम से कर दिया जाए लेकिन भवन निर्माण विभाग ने उनकी पार्टी के पत्र का अब तक कोई जवाब नहीं दिया. बार-बार पत्राचार करने के बाद भी भवन निर्माण विभाग आरएलजेपी के नाम से पार्टी कार्यालय का आवंटन नहीं किया गया और एक तरफा निर्णय सुनाते हुए 13 जून को उनकी पार्टी कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया गया।
“आश्चर्य की बात यह है कि भवन निर्माण विभाग को आरएलजेपी की तरफ से कई पत्र दिए गए और विभाग कोई सुनवाई नहीं की लेकिन एलजेपीआर की तरफ से 4 जुलाई को पार्टी कार्यालय के आवंटन के लिए पत्र दिया गया. मात्र 4 दिन के बाद ही यानी 8 जुलाई को भवन निर्माण विभाग उसे वही कार्यालय आवंटित कर देता है, जो एलजेपीआर का कार्यालय था. हमने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है.”- श्रवण अग्रवाल, मुख्य प्रवक्ता, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी
क्या कहा गया है पत्र में?: भवन निर्माण विभाग की तरफ से जो पत्र जारी किया गया है, उसमें कहा गया है कि 13 जून 2024 को राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया गया था. 4 जुलाई 2024 को लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के कार्यालय के लिए भवन निर्माण विभाग को एक आवेदन दिया गया था. जिसमें पार्टी कार्यालय के लिए जगह उपलब्ध करवाने की मांग की गई थी. भवन निर्माण विभाग ने एक व्हीलर रोड शहीद पीर अली खान मार्ग का नया आवंटन चिराग पासवान की पार्टी को कर दिया गया था।
ये शर्त भी रखी: आवंटन के साथ भवन निर्माण विभाग ने कुछ शर्ते भी रखी है. जिसमें किसी भी तरह के नवनिर्माण के लिए भवन निर्माण के परमिशन की जरूरत होगी. तय किराया का 10 गुना अग्रिम भुगतान के रूप में पहले जमा करना होगा. पार्टी कार्यालय का बिजली बिल और अन्य खर्चा खुद पार्टी को उठाना होगा।
लोजपा के नाम से था आवंटन: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का प्रदेश कार्यालय पटना के 1 व्हीलर रोड में स्थित था. 2000 में रामविलास पासवान ने लोजपा का गठन किया था. लोजपा कार्यालय का आवंटन साल पहले रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के लिए किया गया था लेकिन रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी में टूट हो गई. पशुपति कुमार पारस ने राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया. वह पटना स्थित कार्यालय को राज्य मुख्यालय बनाकर पार्टी का संचालन कर रहे थे।
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