सहरसा से दिल्ली जा रही स्पेशल ट्रेन बुढ़वल रेलवे स्टेशन पर रोकी गई। मालगाड़ी क्रॉस होने के बाद यात्री ट्रेन चलने का इंतजार करते रहे। एक घंटा गुजर गया तो यात्री पूछताछ करने लगे। इस पर बताया गया कि ड्राइवर व गार्ड की ड्यूटी का समय समाप्त हो गया था वह चले गए। ऐसे में करीब 2500 यात्री फंस गए।यात्रियों का आक्रोश फूट पंड़ा और प्रदर्शन शुरू कर दिया गया। उच्चाधिकारियों को खबर मिली तो गोण्डा से ड्राइवर व गार्ड भेजे गए। इस दौरान करीब साढ़े तीन घंटे तक यात्री भूख-प्यास से परेशान रहे। शाम 4.50 बजे ट्रेन रवाना की गई।
बुधवार को दिन में करीब सवा एक बजे सहरसा से दिल्ली जा रही स्पेशल ट्रेन बुढ़वल स्टेशन पर रुकी। इस दौरान एक मालगाड़ी पास हुई। यात्री क्रासिंग के कारण ट्रेन को खड़ी करना समझ रहे थे मगर एक घंटा गुजर गया। ट्रेन को सिग्नल नहीं मिला और वह नहीं चली। इस पर कई यात्री स्टेशन पर उतर आए और हंगामा शुरू कर दिया। काफी देर तक हंगामा और नारेबाजी चलती रही। इसके बाद स्टेशन अधीक्षक नींद से जागे। वह जब ट्रेन के इंजन के पास आए तो चालक व गार्ड ने कहा अब उनका ड्यूटी का समय खत्म हो गया है।
उन लोगों ने कहा कि तबीयत भी ठीक नहीं है, ट्रेन आगे नहीं ले जाएंगे। इतना कहकर उन्होंने मेमो दिया और बुढ़वल स्टेशन से चले गए। इसके बाद यात्रियों का आक्रोश और फूट पड़ा। सैकड़ों की संख्या में यात्री प्लेटफार्म और ट्रेन के दूसरी ओर उतरे और जमकर रेल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। करीब दो बजकर 20 मिनट पर अधीक्षक ने ड्राइवर व गार्ड के चले जाने की सूचना कंट्रोल रूम को दी तो वहां भी हड़कम्प मच गया। आनन-फानन में गोण्डा से ड्राइवर व गार्ड को भेजा गया। ड्राइवर व गार्ड आए फिर ट्रेन चार बजकर 50 मिनट पर आगे रवाना की गई।
ट्रेन करीब साढे तीन घंटा तक बुढवल स्टेशन पर खड़ी रही। इस दौरान इक्का दुक्का दुकानों पर रखे पानी के चंद बोतल व खाने की थोड़ी सामग्री देखते ही देखते खत्म हो गई। इसके बाद लोग पानी की टोंटियों पर लाइन लगाए खड़े दिखे। यात्री राज कुमार, प्रेम चंद्र, राजेश कुमार, शिव शंकर, यासीन आदि ने बताया कि ट्रेन पहले से ही लेट चल रही है। स्टेशन पर शुद्ध व साफ पानी तक नहीं है।
बुढवल स्टेशन पर यात्री ट्रेन के ड्राइवर व गार्ड के जाने से नाराज होकर हंगामा कर थे। इसी दौरान लखनऊ बरौनी ट्रेन आ गई। यात्री इस ट्रेन के आगे खड़े हो गए और हंगामा करते कहने लगे। सभी यात्रियों का कहना था कि पहले उनकी ट्रेन को भेजा जाए इसके बाद कोई ट्रेन जाएगी। यात्रियों के हंगामे के कारण बरौनी भी खड़ी हो गई। इस हंगामे के बीच बरौनी ट्रेन के ड्राइवर व चालक ने भी अपनी ड्यूटी का समय समाप्त होने की बात कही। रेल अधिकारियों ने फिर उसके भी ड्राइवर व गार्ड को बुलवाया। इसके बाद ट्रेन रवाना किया गया।