बिहार में लोकसभा की सभी 40 सीटों में सर्वाधिक संवेदनशील बूथ पहले चरण की चार लोकसभा क्षेत्रों में चिह्नित किए गए हैं। औरंगाबाद, गया, नवादा और जमुई लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत कुल 15 विस क्षेत्रों के सभी बूथ संवेदनशील घोषित किये गये हैं। ऐसे मतदान केंद्रों की संख्या करीब पांच हजार बताई गई है। अब बुधवार की शाम पहले चरण का चुनाव प्रचार समाप्त होने के बाद जिला प्रशासन मतदान की तैयारी को अंतिम रूप देने में जुट गया है। ऐसे में चुनाव आयोग की तरफ से कुछ जरूरी निर्देश भी जारी किए गए हैं।
दरअसल, निर्वाचन आयोग ने संवेदनशील बूथों पर मतदान का समय सुबह सात बजे से दोपहर चार बजे तक और सामान्य बूथों पर सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक निर्धारित किया है। तीन विधानसभा क्षेत्रों के कुल 995 बूथों को संवेदनशील माना गया है, जहां पर मतदान शाम चार बजे तक ही होगा। इनमें शेरघाटी विस क्षेत्र के 305 बूथ, बाराचट्टी के 332 बूथ व बोधगया के 358 बूथ संवेदनशील हैं।
वहीं, गया लोस के शेष सभी विस क्षेत्रों गया टाउन, बेलागंज व वजीरगंज में मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। जबकि जमुई लोस क्षेत्र के पांच विस के 1659 बूथ संवेदनशील हैं। इसमें सिकंदरा विस क्षेत्र के 313 बूथ, जमुई के 319 झाझा के 352, चकाई के 335 और तारापुर के 340 बूथ संवेदनशील हैं। इस लोस के सिर्फ एक विस शेखपुरा के बूथ सामान्य श्रेणी में शामिल हैं। कुल 1941 बूथों में नक्सल प्रभावित 223 बूथ और क्रिटिकल मतदान केंद्रों की संख्या 502 है।
जबकि नवादा लोकसभा क्षेत्र के दो विधानसभा क्षेत्रों के 666 बूथों को संवेदनशील माना गया है। इसमें रजौली विधानसभा में 333 बूथ और गोविंदपुर विधानसभा के 328 बूथ हैं। नवादा लोकसभा क्षेत्र के बरबीघा, हिसुआ, नवादा और वारिसलीगंज विधानसभा क्षेत्र के सभी बूथ संवेदनशील हैं। उधर, औरंगाबाद लोकसभा के कुटुम्बा विस के 296 बूथ, रफीगंज के 367 बूथ, गुरुआ के 337 बूथ, इमामगंज के 344 बूथ और टिकारी के 357 बूथ संवेदनशील हैं। यहां मतदान शाम चार बजे तक ही होगा। हालांकि, औरंगाबाद लोस क्षेत्र के औरंगाबाद विधानसभा क्षेत्र में मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा।