रामलला की चरण पादुका को पूरे देश में घुमाया जा रहा है। ये पादुकाएं प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 19 जनवरी, 2024 को अयोध्या पहुंच जाएंगी। गत 17 दिसंबर को इन्हें रामेश्वर धाम से अहमदाबाद लाया गया था। तिरूपति बाला जी के बाद इन्हें सोमनाथ भी ले जाया जाएगा।
पादुकाओं के साथ अयोध्या की 41 दिनों तक परिक्रमा
श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन चरण पादुकाओं के साथ अयोध्या की 41 दिन परिक्रमा की थी। पिछले दो सालों से इन पादुकाओं को रामेश्वरम से बदरीनाथा तक सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाया जा रहा है।
बेशकीमती रत्नों का भी प्रयोग
इन चरण पादुकाओं में सोने और चांदी के अलावा बेशकीमती रत्नों का भी प्रयोग हुआ है। राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की चरण पादुकाएं भी यहीं पर रखी जाएंगी।
भक्तों को सिर पर रखने का मिला सौभाग्य
अहमदाबाद पहुंची इन चरण पादुकाओं को बालाजी मंदिर के ट्रस्टी के सुब्बारायुडू अपने सिर पर रखकर मंदिर के अंदर ले गए। इसके बाद बालाजी मंदिर के पंडितों ने इसकी विशेष पूजा की। कुछ भक्तों ने इन पादुकाओं को अपने सिर पर भी रखा।
गौरतलब है कि पूर्व उप प्रधानमंत्री आडवाणी और पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री मुरली मनोहर जोशी स्वास्थ्य और उम्र संबंधी कारणों से समारोह में शामिल नहीं हो सकेंगे। दोनों (आडवाणी और जोशी) बुजुर्ग हैं और उनकी उम्र को देखते हुए उनसे न आने का अनुरोध किया गया है, जिसे दोनों ने स्वीकार कर लिया है।
गुजरात के सूरत में एक हीरा कारोबारी ने राम मंदिर की थीम पर एक नेकलेस बनाया है। खास बात यह है कि नेकलेस बनाने में 5000 अमेरिकन डायमंड्स और दो किलो चांदी का इस्तेमाल हुआ है। इस नेकलेस को बनाने में 35 दिन लगे और इसे 40 कारीगरों ने मिलकर बनाया है। रासेश ज्वेल्स के डायरेक्टर कौशिक काकडिया ने बताया कि हम अयोध्या में बन रहे राममंदिर से बहुत प्रेरित हैं। हमने 5000 से ज्यादा अमेरिकन डायमंड्स का इस्तेमाल कर इस नेकलेस को बनाया है। यह बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं है। हम इसे राम मंदिर को तोहफे में देंगे। हम चाहते थे कि राम मंदिर को कुछ उपहार दें, इसीलिए ये खास नेकलेस बनाया है। इस नेकलेस की लड़ियों में रामायण के मुख्य पात्रों को उकेरा गया है।