9 साल की उम्र में छिना पिता का साया, हरियाणा की छोरी ने अपने सपने को किया पूरा, अब ओलंपिक में बनाया इतिहास
पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट सेमीफाइनल मैच में क्यूबा की युसनेलिस गुज़मैन को हराकर फाइनल में जगह बना ली है। उन्होंने सेमीफाइनल में क्यूबा की युस्नेलिस गुजमैन लोपेज को 5-0 से हराया। फाइनल में अब उनका मुकाबला यूएस की साराह हिल्डेब्रांट से होगा। इस मैच में जीत हासिल करने के बाद भारत का ओलंपिक में एक सिल्वर मेडल पक्का हो गया है। तो आइये जानते हैं, विनेश फोगाट के बारे में:
छोटी उम्र में ही उठ गया था पिता का साया
विनेश फोगाट का जन्म हरियाणा के बलाली गांव में 25 अगस्त 1994 में हुआ था। उनकी फैमिली देश की सबसे फेमस रेसलिंग फैमिली है। बेहद छोटी उम्र में विनेश ने कुश्ती करना शुरू कर दिया था। विनेश फोगाट का अभी तक का करियर बेहद शानदार रहा है। उनके संघर्ष की कहानी बहुत लोग कम जानते हैं। अपनी इस पहचान को बनाने के लिए उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया है। विनेश फोगाट जब सिर्फ 9 साल की थी, तभी उनके पिता का साया उनके ऊपर से उठ गया था। कैंसर की वजह से उनके पिता राजपाल सिंह फोगाट की मौत हो गई थी।
ज़माना झुकता है ,
बस झुकाने का जुनून होना चाहिए @Phogat_Vinesh 👏🏽🇮🇳🙏#vineshphogat pic.twitter.com/2YXLGCusKm— geeta phogat (@geeta_phogat) August 6, 2024
पिता की मौत से विनेश अभी उभर ही पाई थी कि उनकी मां प्रेमलता को भी कैंसर हो गया। इन सब परेशानियों के बीच विनेश ने पहलवान बनने का सपना देखा। उन्होंने महावीर सिंह फोगाट की देखरेख में अपनी ट्रेनिंग शुरू की। महावीर सिंह फोगाट ने गीता और बबिता को भी ट्रेन किया था। कहा जाता है कि ये ट्रेनिंग बहुत ज्यादा मुश्किल होती थी, गलती होने पर उन्हें मार भी पड़ती थी।
2 बार जीत चुकी है कि वर्ल्ड चैंपियनशिप
इंटरनेशनल लेवल पर भी विनेश फोगाट ने कई हिताब जीते हैं। उन्होंने 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स में अपना पहला बड़ा इंटरनेशनल खिताब जीता था। इसके बाद से लेकर अभी तक वो 3 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडल, एक एशियन गेम्स का गोल्ड, 2 बार वर्ल्ड चैंपियनशिप में मेडल, एक गोल्ड और 3 सिल्वर समेत एशियन चैंपियनशिप में 8 मेडल जीत चुकी हैं।
🇮🇳🔥 𝗔 𝗛𝗜𝗦𝗧𝗢𝗥𝗜𝗖 𝗪𝗜𝗡! Vinesh Phogat defeated Yusneylis Lopez to become the first female Indian wrestler to reach the final at the Olympics.
⏰ She will take on either Otgonjargal Dolgorjav or Sarah Ann Hildebrandt in the final on the 7th of August.
💪 Here's hoping… pic.twitter.com/h0pYCMBjrY
— India at Paris 2024 Olympics (@sportwalkmedia) August 6, 2024
चोट के बाद की यादगार वापसी
रियो ओलिंपिक 2016 में विनेश को पदक का दावेदार माना जा रहा था, लेकिन क्वार्टर फाइनल में उनके घुटने में चोट लग गई थी, जिस वजह से बाहर हो गई थी। इस चोट से उभरने में काफी समय लग गया था। 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड जीतकर अपनी वापसी को और ज्यादा यादगार बना दिया था। इसे बाद उन्होंने एशियन गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था। वो एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान हैं।
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