अरुणाचल प्रदेश में एक बार फिर ‘कमल’ खिला है। भारतीय जनता पार्टी ने लगातार तीसरी बार सत्ता में वापसी करते हुए 60 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है।
अरुणाचल प्रदेश में फिर खिला ‘कमल’
भारतीय जनता पार्टी को मिली प्रचंड जीत
अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी के परचम लहराने के बाद पीएम मोदी ने राज्य की जनता को धन्यवाद दिया है और कहा है कि “धन्यवाद अरुणाचल प्रदेश! इस अद्भुत राज्य की जनता ने विकास की राजनीति को स्पष्ट जनादेश दिया है। अरुणाचल में भाजपा पर एक बार फिर अपना विश्वास जताने के लिए उन्हें मेरा आभार। हमारी पार्टी राज्य के विकास के लिए और भी अधिक उमंग के साथ काम करेगी।”
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा कि “मैं चुनाव अभियान में अरुणाचल के असाधारण भाजपा कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत की सराहना करना चाहूंगा। जिस तरह वे पूरे राज्य में गए और लोगों से जुड़े, वह सराहनीय है।” नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 5 सीट मिलीं, जबकि पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने दो और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने तीन सीट पर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने एक सीट जीती और तीन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुए हैं। गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी ने साल 2019 के चुनाव में 41 सीटें जीती थीं।
कौन हैं पेमा खांडू
पेमा खांडू भारत के सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने 37 साल की उम्र में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। खांडू के पहले अखिलेश यादव ही ऐसे सीएम थे, जो कि सबसे कम उम्र में सीएम बने थे। अखिलेश यादव ने जब पहली बार यूपी की गद्दी संभाली थी तो उस समय वे 38 साल के थे। अरुणाचल के पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू के सबसे बड़े बेटे पेमा ने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया।
पिता की मौत के बाद लड़ा चुनाव
पेमा खांडू ने वैसे तो राजनीति में कदम 2005 में ही रख दिया था। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव के रूप कार्य किया था लेकिन असली राजनीतिक सफर की शुरुआत तब हुई, जब उनके पिता दोरजी खांडू का हेलिकॉप्टर हादसे में निधन हो गया था। इसके बाद पेमा ने अपने पिता के ही विधानसभा क्षेत्र मुक्तो से 2011 में चुनाव लड़ा और भारी मतों से जीतकर विधानसभा में कदम रखा।
मोनपा नामक जनजाति से रखते हैं ताल्लुक
2014 में मुक्तो से निर्विरोध जीत हासिल करने वाले खांडू, अरुणाचल प्रदेश के जल संसाधन तथा पर्यटन मंत्री भी रह चुके हैं। ये सीट जो अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित सीट है। पेमा खांडू चीन की सीमा से लगे तवांग जिले के ग्यांगखर गांव से हैं और मोनपा नामक जनजाति से ताल्लुक रखते हैं।
कांग्रेस से की थी बगावत
आपको बता दें कि सितंबर 2016 में पेमा खांडू ने अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए 43 विधायकों के साथ मिलकर कांग्रेस से बगावत कर दी थी। इसके बाद वे बीजेपी की सहयोगी PPA में शामिल हो गए थे। हालांकि, दिसंबर 2016 में उन्हें PPA ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद पेमा खांडू 43 विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। इसके बाद 2019 में पेमा खांडू के नेतृत्व में बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश में सरकार बनाई और फिर एकबार 2024 में बीजेपी ने पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है।