किसान परिवार में दिखा पशु प्रेम भैंस की मौत पर किया मृत्युभोज का आयोजन, पूरे गांव ने खाया खाना

1200 675 20154617 thumbnail 16x9 buffalo mrityubhoj

हरियाणा के चरखी दादरी में एक किसान परिवार की तीन पीढ़ियों को करीब 24 वर्ष तक मालामाल करने वाली भैंस की मौत पर विधि विधान से क्रिया कर्म किया गया. उसकी मौत के बाद न केवल अस्थियां विसर्जित की गईं बल्कि सत्रहवीं की भी रस्में निभाई गईं. भैंस को “लाडली” के नाम से पुकारने वाले किसान परिवार ने मृत्युभोज का आयोजन भी किया. इसके लिए बाकायदा नाते-रिश्तेदारों के अलावा ग्रामीणों को आमंत्रण भी भेजा गया और लोगों को देशी घी का लजीज खाना परोसा गया. किसान परिवार के अपने पालतू पशु के प्रति प्रेम की चर्चा चारों ओर हो रही है.

बता दें कि गांव चरखी निवासी किसान सुखबीर सिंह के पिता रिसाल सिंह करीब 28 वर्ष पहले एक भैंस लेकर आए थे. इससे पैदा हुई कटिया का पालन-पोषण किया और किसान के घर भैंस ने लगातार 24 बार कटिया को जन्म देकर रिकार्ड बनाया. 28 साल पहले आई इस भैंस का नाम दिया गया था “लाडली”. इस भैंस का दूध परिवार की तीन पीढ़ियों ने पिया और उससे जन्म लेने वाले बच्चों को तैयार करते हुए काफी पैसा भी कमाया.

पिछले दिनों अपनी पालतू भैंस का निधन होने पर परिवार ने पूरा शोक मनाते हुए विधि विधान से सभी क्रिया क्रम करते हुए अस्थियां भी विसर्जित कीं. वहीं भैंस की सत्रहवीं पर किसान परिवार ने अपने घर पर मृत्युभोज का आयोजन किया.

किसान सुखबीर सिंह ने बताया कि वे अपनी भैंस को “लाडली” के नाम से पुकारते थे और उसे अपने परिवार का सदस्य मानते थे. उनकी तीन पीढ़ियों ने भैंस का दूध पिया है. भैंस ने अपने पूरे जीवन में लगातार 24 बार कटिया को ही जन्म देते हुए रिकार्ड बनाया है. सुखबीर सिंह के परिवार को अपनी भैंस से इतना प्यार था कि उसकी मौत के बाद सभी क्रिया-क्रम करते हुए मृत्युभोज का आयोजन करवाया गया.

किसान सुखबीर ने बताया कि भैंस के मृत्युभोज कार्यक्रम में देशी घी का खाना तैयार किया गया. इसमें चावल, लड्डू, जलेबी, गुलाब जामुन, सब्जी और पूरी शामिल रही. वहीं शादी की तरह गोल-गप्पे भी परोसे गए. किसान के अनुसार करीब चार सौ नाते-रिश्तेदार भैंस के मृत्युभोज कार्यक्रम शामिल हुए.

Rajkumar Raju: 5 years of news editing experience in VOB.