नीतीश के दिल में फिर जागा भाजपा प्रेम; कहा-जब तक जिंदा हूं, बीजेपी नेताओं से दोस्ती रहेगी ही रहेगी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मन में क्या है? इस सवाल का जवाब हासिल करना टेढ़ी खीर है। हालांकि गुरुवार को प्रदेश के मोतिहारी में एक बयान देकर सबको चौंका दिया। नीतीश ने आज महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मंच से कहा है कि जब तक वह जिंदा हैं, तब तक भाजपा नेताओं से दोस्ती बनी रहेगी। इसी के साथ नीतीश ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली कॉन्ग्रेस और सहयोगी दलों की 2014 से पहले की सरकार पर भी निशाना साधा। बिहार के सीएम ने कहा, ‘यूपीए सरकार में तो मेरी बात ही नहीं सुनी थी। वो तो 2014 में जब नयी सरकार बनी तो मेरी बात मानी गयी’।
मोतिहारी के महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह के मंच से दिया नीतीश ने चौंकाने वाला बयान
दरअसल, गुरुवार को मोतिहारी की महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी की तरफ से पहला दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई गणमान्यों ने शिरकत की। इस कार्यक्रम के मंच पर अपने संबोधन के दौरान नीतीश कुमार का भाजपा प्रेम छलका। नीतीश कुमार ने भाजपा सांसद राधा मोहन सिंह के तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘हमरा दोस्ती कहियो खत्म होगा? जब तक हम जीवित हैं आप लोगों के साथ मेरा संबंध रहेंगे’।
इसी के साथ यह बात भी ध्यान देने वाली है कि 2020 में बिहार में जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी की सांझी सरकार बनी थी। हालांकि उसी वक्त इस गठबंधन के ज्यादा दिन नहीं चल पाने की कयास लगने शुरू हो गए थे। बावजूद इसके 2 साल तक दोनों पार्टियां एक साथ रही। इसके बाद BJP के कमल की खुशबू से ऊब चुके 2022 में जनता दल यूनाइटेड (JDU) नेतृत्व ने कमल छोड़कर लालू की लालटेन थाम ली, यानि राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन कर लिया।
लंबी है तल्खी की कहानी
जहां तक भाजपा और जदयू में तल्खी की वजह की बात है, इसकी कई अहम वजहें हैं। एक तो भाजपा ने जदयू से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन बावजूद इसके पार्टी हाईकमान ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया तो एक धड़ा नाराज हो गया। भाजपा नेताओं ने बहुत बार नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिए। उधर, अपने तरीके से काम करने वाले नीतीश कुमार मुख्यमंत्री होते हुए भी अहम फैसले लेने में भाजपा की अनुमति के मोहताज हो गए थे। इसके अलावा खेती कानून, जाति जनगणना, बिहार को विशेष राज्य देने की मांग और यहां तक कि सेना में कॉन्ट्रैक्ट की व्यवस्था लाए जाने के खिलाफ भी नहीं बोल पाए।
दूसरा लोक जन शक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान के निधन के बाद पार्टी में विवाद उपज गया। रामविलास के बेटे और भाई में पार्टी की कमान को लेकर तलवारें खींच गई। बेटे चिराग पासवान ने सदा ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की तारीफ की, लेकिन नीतीश कुमार के खिलाफ बयान दिए। जब पार्टी में फूट पड़ी तो भाजपा काम नहीं आई। रामविलास पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस भाजपा के साथ दोस्ती कर केंद्रीय मंत्री बन गए। नीतीश कुमार को कई बार भाजपा द्वारा जदयू में सेंधमारी की आशंका हुई। ऐसे लोगों को नीतीश ने बाहर का रास्ता दिखा दिया।
अब बिहार की राजनीति में आया भूचाल
- उधर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हालिया बयान के बाद बिहार की राजनीति में अब भूचाल मच गया है। राजद के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि मीडिया खबर को अलग तरह से पेश करता है। बीजेपी मुगालते में नहीं रहे।
- बिहार के नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि लगता है-अब नीतीश कुमार को आभास हो गया है कि वह क्या कर रहे हैं और भाजपा ने बिहार के लिए क्या कुछ किया है। भाजपा हमेशा चाणक्य बनकर चंद्रगुप्त के हाथ में सत्ता को सौंपती रही है। बिहार में जंगल राज था, भारतीय जनता पार्टी ने नीतीश कुमार का साथ दिया। जंगल राज को हटाया यह बात यहां की जनता भी जानती है और नीतीश कुमार भी जानते हैं। नीतीश कुमार को जो आभास आज हुआ है और जो कुछ उन्होंने बोला है, वह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय जनता पार्टी के लोग ही बिहार के विकास के लिए काम किए हैं। केंद्र में बैठी हुई मोदी सरकार ने लगातार बिहार के विकास के लिए काम किया है।
- भाजपा बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार से कोई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है, बल्कि राजनैतिक मतभेद हैं। भाजपा सिद्धान्त से चलने वाली पार्टी है, जबकि कुछ लोग गैंग चलाते हैं। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद कई मौके आए हैं, जब राजद और जदयू के नेता अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे के सामने आए हैं, वहीं जब लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है तो नीतीश कुमार का यह बयान कई सवालों को भी जन्म दे रहा है।
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