लगातार हो रही चोरी की वारदातों से गांववाले सहमे हुए हैं. हालात ऐसे हो गए हैं कि लोगों ने रात में पहरा देना शुरू किया तो चोरों ने दिन में ही धावा बोलना शुरू कर दिया. यही नहीं बेखौफ चोरों ने पुलिस को चोरी के बाद ‘लव लेटर’ लिखकर चुनौती भी दी है.
दिनदहाड़े फिर हुई चोरी: सोमवार को चोरों ने दिन के उजाले में बड़कागांव के ही रहने वाले रामायण सिंह के घर से लाखों रुपये के सामान चुरा लिए. इस घटना ने पुलिस की निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है. बताया जा रहा है कि जब घर में कोई नहीं था, तब चोर खपरैल के सहारे छत से घर में घुसे और ताले तोड़कर चोरी को अंजाम दिया.
मोतिहारी में चोरों का लेटरबम : इस बार चोरों ने सिर्फ चोरी नहीं की, बल्कि पुलिस को एक ‘लव लेटर’ भी छोड़ गए. चिट्ठी में लिखा था – “लव यू पुलिस मामा, आपसे तेज हैं. 10 घर में चोरी करना है, 8 में कर लिया है, 2 बाकी है. देखने में गरीब लगता है, लेकिन माल पूरा मिला, विजय सिंह से थोड़ा कम.” चोरों की यह चुनौती पुलिस के लिए एक सीधा ताना है.
पुलिस की नाक के नीचे वारदात: एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर गांव में पुलिस कैंप कर रही है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिस घर में चोरी हुई, वह पुलिस कैंप से महज 10 कदम की दूरी पर है. इसके बावजूद चोरों ने बेखौफ होकर वारदात को अंजाम दिया. इस घटना के बाद गांव में डर और गुस्सा दोनों है.
लगातार हो रही हैं वारदातें: बड़कागांव में 22 मार्च से लगातार चोरी की घटनाएं हो रही हैं. इससे पहले 2 अप्रैल को भी दिनदहाड़े राजीव झा के घर से चोरों ने 10 लाख रुपये नकद और कीमती जेवरात उड़ा लिए थे. तब भी एसपी ने खुद गांव आकर भरोसा दिलाया था, लेकिन अब फिर से चोरी ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
”विजय सिंह के घर चोरी के अगले ही दिन चोरों ने उनके घर में भी घुसने की कोशिश की थी।लेकिन उस समय मेरी बेटी घर पर थी।जिसकारण चोर सफल नहीं हो पाए थे. सोमवार को जब पत्नी को ड्यूटी पर छोड़ने बाइक से मोतिहारी गया था और बेटी पढ़ाई के लिए पकड़ीदयाल चली गई. तभी चोरों ने मौका देखकर घर के पीछे से खपरैल के सहारे चढ़कर प्रवेश किया और ताला तोड़कर सारा सामान लेकर फरार हो गए. घर में लौटने पर बेटी ने बिखरे सामान को देखा, तो उसने तत्काल इसकी सूचना दी.”– रामायण सिंह, पीड़ित
ग्रामीणों में डर का माहौल: पुलिस की मौजूदगी के बावजूद हो रही इन घटनाओं ने ग्रामीणों का भरोसा तोड़ दिया है. लोग दिन में भी अपने घरों के दरवाजों पर ताला लगाने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का कहना है कि चोर पुलिस से दो कदम आगे हैं और पुलिस सिर्फ तमाशबीन बनी हुई है.