शरद पूर्णिमा पर आज लगने जा रहा है चंद्र ग्रहण, जानिए खीर का भोग लगेगा या नहीं?

GridArt 20231028 114654675

हिंदू पंचांग के अनुसार, आज चंद्रग्रहण और शरद पूर्णिमा का खास संयोग बन रहा है। धार्मिक मान्यता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने से विशेष लाभ होता है। इसके अलावा इस दिन दान करने का भी खास धार्मिक महत्व है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है। ऐसे जब आज चंद्र ग्रहण लग रहा है तो कई लोगों के मन में संशय है कि क्या इस दिन खीर का भोग लगेगा या नहीं? आइए जानते हैं कि शरद पूर्णिमा पर लगने वाले चंद्र ग्रहण के दौरान क्या खीर का भोग लगाया जा सकेगा या नहीं?

शरद पूर्णिमा पर 16 कलाओं के परिपूर्ण रहते हैं चंद्र देव

शरद पूर्णिमा को लेकर शास्त्रीय मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा धरती के सबसे करीब होता है। साथ ही इस अवसर पर चंद्र देव अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होकर धरती पर अमृत की बूंदों की वर्षा करते हैं। यही वजह है कि चंद्रमा को भोग के तौर पर खीर अर्पित की जाती है। फिर उस भोग को खुले आसमान के तले रखा जाता है, ताकि उस भोग में चंद्रमा की अमृतमयी किरणें पड़े और खीर अमृतमय हो जाए।

शरद पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

दृक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को यानी आज सुबह 4 बजकर 17 मिनट से शुरू हो चुकी है। जबकि पूर्णिमा तिथि की समाप्ति 29 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 1 बजकर 53 मिनट पर होगी। ऐसे में उदया तिथि की मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।

शरद पूर्णिमा पर कब बनाएं खीर?

शास्त्रीय मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर रात के समय खीर बनना शुभ है। साथ ही ज्योतिर्विद पं. धनंजय पांडेय बता रहे हैं कि ग्रहण का सूतक काल लगने से पहले ही खीर बना लेना उचित होगा। इसके साथ ही सूतक लगने से पहले ही खीर में तुलसी पत्ते डाल देने चाहिए। चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले बनी हुई खीर को चंद्रमा की रोशनी में रख सकते हैं। हालांकि इस क्रम में यह बात ध्यान रखना होगा कि ग्रहण शुरू होने से पहले ही उस खीर को वहां से हटा लें।

शरद पूर्णिमा पर क्या करना रहेगा अच्छा?

  • पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित है। ऐसे में आज शरद पूर्णिमा पर रात में मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। पूजन के दौरान मां लक्ष्मी को 5 कौड़ियां अर्पित करें।
  • नौकरी-व्यापर में सफलता पाने के लिए भी शरद पूर्णिमा पर खास उपाय किए जाते हैं। ऐसे में आप भी शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी और हनुमान जी के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं।
  • शास्त्रीय मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा पर तुलसी की पूजा करना भी शुभ फलदायक है। ऐसे में इस अवसर पर शाम के वक्त मां तुलसी की पूजा करें, उनके समक्ष दीपक जलाएं।

चंद्रग्रहण की अवधि क्या है?

तमाम ज्योतिर्विदों और पंचांग के अनुसार, 28-29 की रात लगने वाला चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर की रात 1 बजकर 05 मिनट से शुरू होकर रात 2 बजकर 24 मिनट पर खत्म होगा। ऐसे में ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 19 मिनट की होगी। बता दें कि इस चंद्रग्रहण का सूतक काल 28 अक्टूबर की शाम 4 बजकर 5 मिनट से शुरू हो जाएगा।

Sumit ZaaDav: Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.
Recent Posts