बिहार का मां मंगलागौरी मंदिर.. जहां नवरात्रि में उमड़ती है भारी भीड़, भक्तों की हर मनोकामना होती है पूरी
बिहार में गया शहर स्थित मां मंगलागौरी मंदिर में पूजा करने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। बिहार के बोधगया मार्ग पर स्थित भस्मकुट पर्वत पर मां मंगला गौरी का प्रसिद्ध शक्तिपीठ मंदिर है। इस मंदिर परिसर में कई देवी-देवताओं की मूर्तियां भी हैं। शक्तिपीठ मां मंगला गौरी के मंदिर में नवरात्र के महीने में दूर-दराज से भक्त आते हैं और अपने परिवार की सुख, समृद्धि, शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
भस्मकुट पर्वत पर गिरा था माता सती का वक्षस्थल
नवरात्रि में इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान शिव जब माता पार्वती के जलते शरीर को लेकर तांडव करते हुए आकाश मार्ग से चल पड़े, तब उनके रौद्र रूप को शांत करने के लिए भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र चलाकर मां पार्वती के शरीर के कई टुकड़े कर दिए। जहां-जहां माता पार्वती के शरीर के टुकड़े गिरे, वह स्थल शक्तिपीठ कहलाया। गया शहर के भस्मकुट पर्वत पर माता सती का वक्षस्थल गिरा, जो मंगला गौरी शक्ति पीठ के रूप में जाना जाता है। मां मंगलागौरी मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ हर मंगलवार को लगती है लेकिन नवरात्रि के दौरान दिन भर काफी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।
मंदिर के अंदर कई वर्षों से जल रही है अखंड ज्योति
मंदिर के अंदर कई वर्षों से अखंड ज्योति जल रही है, जिसके दर्शन कर श्रद्धालु पूजा-पाठ करते हैं। इस मंदिर का उल्लेख, पद्म पुराण, वायु पुराण, अग्नि पुराण और अन्य हिंदू ग्रंथों में भी मिलता है। तांत्रिक कार्यों की सिद्धि के लिए भी इस मंदिर को प्रमुखता दी जाती है। कहा जाता है कि इस मंदिर में मां शक्ति का वास है। मंदिर के गर्भगृह में देवी की प्रतिमा रखी है और यहां भव्य नक्काशी की गई है। माता के अलावा यहां भगवान शिव और महिषासुर की प्रतिमा, मां देवी दुर्गा की मूर्ति और दक्षिणा काली की मूर्ति भी विराजमान है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.