महाकुंभ 2025: अब तक 600 से अधिक निराश्रित बुजुर्ग तीर्थयात्रियों ने त्रिवेणी संगम में लगाई पवित्र डुबकी

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उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से एक विशेष पहल के तहत 2,000 निराश्रित बुजुर्गों के लिए प्रयागराज के त्रिवेणी संगम पर पवित्र डुबकी लगाने की व्यवस्था की गई है। अब तक 600 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को इस पवित्र अनुष्ठान के लिए सुविधा प्रदान की गई है। यह पहल न केवल बुजुर्गों के प्रति सम्मान को बढ़ावा देती है बल्कि समाज में सेवा और सद्भाव की मिसाल भी कायम करती है।

पहली बार समाज कल्याण विभाग ने महाकुंभ में एक विशेष शिविर स्थापित किया

प्रदेश के समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण के निर्देशों के बाद पिछले दो दिनों में देवरिया, बहराइच, अमरोहा और बिजनौर जिलों के वृद्धाश्रमों से 100 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों को प्रयागराज लाया गया है। पहली बार समाज कल्याण विभाग ने महाकुंभ में एक विशेष शिविर स्थापित किया है, जिसमें 100 बिस्तरों की क्षमता वाला एक आश्रम शामिल है। यह शिविर बुजुर्गों के लिए मुफ्त भोजन, आवास और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करता है। महाकुंभ 2025 में सरकार के इस अभिनव प्रयास से निराश्रित वरिष्ठ नागरिकों को आध्यात्मिक एवं मानसिक शांति मिली है।

समाज को बुजुर्गों के प्रति सम्मान और देखभाल की भावना को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा प्रोत्साहित

शिविर बुजुर्गों के मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण पर भी ध्यान केंद्रित करता है। उनकी दिनचर्या योग और ध्यान से शुरू होती है, जो मानसिक शांति और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा देती है। शाम को भजन-कीर्तन सत्र आयोजित किए जाते हैं, जिससे आध्यात्मिक माहौल बनता है और बुजुर्गों को अकेलापन महसूस नहीं होता है। इस पहल के माध्यम से समाज को बुजुर्गों के प्रति सम्मान और देखभाल की भावना को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

चिकित्सा टीम चौबीस घंटे उपलब्ध

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित आश्रम में एक समर्पित चिकित्सा टीम 24/7 उपलब्ध है, जो यह सुनिश्चित करती है कि किसी भी बुजुर्ग व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना न करना पड़े। प्रशासन ने इस ऐतिहासिक अवसर पर वरिष्ठ नागरिकों को आध्यात्मिक और भावनात्मक शांति प्रदान करने में एक नया मानदंड स्थापित किया है।

दरअसल महाकुंभ में सरकार की यह विशेष पहल न केवल बुजुर्गों की आस्था का सम्मान करती है, एक सशक्त संदेश भी देती है कि शासन सिर्फ विकास के बारे में नहीं है बल्कि यह सेवा और सम्मान के बारे में भी है।

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