महादेव बेटिंग ऐप के प्रोमोटर सौरभ चंद्राकर कहां है, इसका पता चल गया है और उसे जल्द ही पकड़कर भारत लाया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक सौरभ चंद्राकर का लोकेशन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में पाया गया है और दुबई के अधिकारियों ने बताया है कि उसे नजरबंद कर दिया गया है। बता दें कि सौरभ चंद्राकर महादेव ऑनलाइन बेटिंग ऐप के दो मुख्य आरोपियों में से एक हैं। महादेव बेटिंग ऐप केस मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़ा हुआ है और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस मामले की जांच कर रहा है। सौरभ चंद्राकर के बारे में कहा जाता रहा है कि वह दुबई से ही अपने कारोबार को ऑपरेट करता है। अब उसके गिरफ्तार किए जाने और दुबई से भारत लाए जाने का रास्ता साफ हो गया है।
घर से बाहर निकलने पर पाबंदी
दुबई में हाउस अरेस्टिंग के बाद चंद्राकर को घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं है और विदेशी एजेंसियां भी उसकी एक-एक हरकत पर कड़ी नजर रख रही हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय के अनुरोध पर इंटरपोल ने सौरभ चंद्राकर को लेकर एक रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था और इस नोटिस के बाद ही मिडिल ईस्ट के देश इसपर कार्रवाई कर रहे हैं। खाड़ी देश के अधिकारी इंतजार कर रहे हैं कि एक बार फिर भारतीय अधिकारी चंद्राकर के भारत प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दें, तो वे उसे तुरंत गिरफ्तार कर लें। भारत ने यूएई के साथ प्रत्यर्पण समझौता किया हुआ है, जिससे चंद्राकर को भारत लाना आसान हो जाएगा।
जानिए क्या है महादेव ऐप का मामला?
छत्तीसगढ़ के रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में एक केस चल रहा है. और इसी केस के आधार पर महादेव ऐप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच चल रही है। इस केस में जांच का जिम्मा देश की केंद्रीय एजेंसियों के पास है। जांच एजेंसी के अनुसार, सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल यूएई में बनाए गए अपने ऑफिस के जरिए महादेव बेटिंग ऐप को ऑपरेट करते थे। दोनों ने इस ऐप के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग और हवाला का लेनदेन किया है।
बताया जा रहा है कि इस केस में कम से कम 6000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। महादेव ऐप केस एक हाई-प्रोफाइल घोटाला है, जिसमें एक ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म के जरिए पोकर, कार्ड गेम, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और क्रिकेट जैसे तरह-तरह के खेलों में अवैध तरीके से जुआ खेलने का मौका मिलता है। इसमें खास बात ये सामने आई है कि इस ऐप का इस्तेमाल करने वाले ज्यादातर लोग हारते ही थे।
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