अक्षय तृतीया का पर्व हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पुण्यफलदायी माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, यह दिन अनंत, अक्षय और अक्षुण्ण फल देने वाला होता है। मान्यता है कि इस दिन किए गए शुभ कार्य और दान का पुण्य कभी समाप्त नहीं होता। विशेषकर, महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए अक्षय तृतीया एक अत्यंत प्रभावशाली तिथि मानी जाती है।
सुबह की शुरुआत करें पूजन से
इस दिन प्रातः काल उठकर स्नान-ध्यान कर शांत चित्त से विधिपूर्वक लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें। पूजा में सफेद और पीले फूलों का उपयोग करें। इससे जीवन में सुख, समृद्धि और सौभाग्य का वास होता है। लक्ष्मी की साधना विशेष रूप से इस दिन फलदायक मानी जाती है।
दान के कार्य देते हैं हजार गुना फल
अक्षय तृतीया पर जल, सत्तू, जौ, पंखा, छाता, भूमि, वस्त्र, सोना और चांदी का दान बहुत पुण्यकारी माना जाता है। खासकर जौ का दान करने से स्वर्ण दान के समान फल मिलता है। यह दान न केवल इस जन्म में बल्कि मृत्यु के बाद और अगली जन्मों में भी सुख-संपत्ति प्रदान करता है।
धन आकर्षण के लिए करें ये उपाय
- सोने या चांदी की लक्ष्मी चरण पादुका इस दिन घर लाएं और नियमित रूप से उसकी पूजा करें। जहां लक्ष्मी के चरण पड़ते हैं, वहां दरिद्रता नहीं टिकती।
- दक्षिणावर्ती शंख में जल भरकर भगवान विष्णु का अभिषेक करें। इससे लक्ष्मी जी अत्यंत प्रसन्न होती हैं।
- शाम को ईशान कोण में गाय के घी का दीपक जलाएं। रूई की जगह लाल धागा और थोड़ा सा केसर डालना अत्यंत शुभ होता है।
स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए उपाय
- लंबे समय से बीमार व्यक्ति के तकिए के नीचे नीम की पत्तियां रखकर उन्हें शिव मंदिर में अर्पित करें।
- महिलाएं इस दिन शिव मंदिर जाकर गले में लाल धागा और माथे पर सिंदूर लगाकर पति की लंबी उम्र की कामना करें।
धन लाभ के लिए खास अनुष्ठान
- एक पीले कपड़े में पांच पीली लक्ष्मी कौड़ी, केसर और चांदी के सिक्के बांधकर धन के स्थान पर रखें।
- तीन कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं, उन्हें वस्त्र और दक्षिणा दें।
- गरीबों को सफेद रंग की वस्तु जैसे दूध, चावल या कपड़े दान करें।
मंत्र जप से बढ़ेगा पुण्य
इस दिन ‘ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नमः’ मंत्र का जाप करें और दशांश हवन का अनुष्ठान करें। यह अनुष्ठान लक्ष्मी साधना को पूर्णता देता है।
अक्षय तृतीया: पुण्य कमाने और समृद्धि पाने का श्रेष्ठ अवसर
अक्षय तृतीया एक ऐसा दिन है, जब किए गए अच्छे कर्मों का पुण्य अक्षय रहता है। इस दिन यदि श्रद्धा और भक्ति से पूजा-पाठ, दान और उपाय किए जाएं, तो घर में लक्ष्मी का वास स्थाई रूप से हो सकता है।