इस वक्त की बड़ी खबर महाराष्ट्र निकलकर सामने आ रही है जहां उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। फडणवीस ने कहा कि ‘मैं महाराष्ट्र में ऐसे नतीजों की जिम्मेदारी लेता हूं क्योंकि राज्य में पार्टी का नेतृत्व मेरे द्वारा ही किया जा रहा था। भाजपा आलाकमान से विनती करता हूं कि वे मुझे सरकार में जिम्मेदारी से मुक्त करें ताकि मैं आने वाले चुनाव में पार्टी के लिए ज्यादा से ज्यादा मेहनत कर सकूं।’
उन्होंने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमें महाविकास अघाड़ी की तीन पार्टियों के अलावा एक नैरेटिव से भी लड़ना पड़ा। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैं नेतृत्व से मांग करूंगा कि मुझे सरकार के कामकाज से मुक्त कर दिया जाए। मैं चाहता हूं कि भाजपा के संगठन को मजबूत करने में लग जाऊं। देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा की महाराष्ट्र इकाई की मीटिंग के बाद यह बात कही। बुधवार को ही भाजपा नेताओं की मीटिंग हुई थी, जिसमें लोकसभा चुनाव में आए नतीजों पर मंथन किया गया।
दरअसल, महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों पर 2019 में भाजपा ने 23, शिवसेना ने 18 सीटें और राकांपा ने चार सीटें जीती थीं। भाजपा इस बार 9 सीटों पर सिमट गई। ऐसे में महाराष्ट्र में भाजपा के लिए बड़ी चुनौती किसान आंदोलन और मराठा आरक्षण है। जहां एक तरफ किसानों से कई बार बात करने के बावजूद उनकी मांगों को पूरा करने में राज्य सरकार असमर्थ रही। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष ने लगातार ये मुद्दा उठाकर भाजपा को घेरा।
मालूम हो कि, देवेंद्र गंगाधरराव फड़नवीस 30 जून 2022 से महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बने।इससे पहले 31 अक्टूबर 2014 से 12 नवंबर 2019 तक महाराष्ट्र के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में काम किया। इसके बाद 2019 से 2022 तक महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता और 2013 से 2015 तक भाजपा, महाराष्ट्र राज्य इकाई के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। वहीं, महज 44 वर्ष की आयु में शपथ लेने के बाद, वह शरद पवार के बाद महाराष्ट्र के इतिहास में दूसरे सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं ।