बिहार में भगवान शंकर की अराधना का पर्व महाशिवरात्रि धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का प्रमुख त्योहार है, जो देवों के देव महादेव की पूजा को समर्पित है। महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) को भगवान शिव की पूजा करने का सबसे बड़ा दिन माना जाता है। सालभर भक्त इस त्योहार की प्रतीक्षा करते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव का मां पार्वती के साथ विवाह हुआ था। माना जाता है कि शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करने से कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। पूरे देश सहित बिहार में आज महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है।
श्रद्धालु भगवान शिव और माता पार्वती के लगा रहे जयकारे।। Maha Shivratri
महाशिवरात्रि पर्व पर बिहार के अलग-अलग जिलों के शिवालय में सुबह से ही श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ (Mahashivaratri Temples Crowd) पड़ा है। सुबह से ही भक्त गण शिवालय में जाकर जलाभिषेक कर रहे हैं। सुबह से शिवालय में लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है। पूरे बिहार के शिव मंदिरों में हर-हर महादेव की गूंज है। श्रद्धालु भगवान शिव और माता पार्वती के जयकारे लगा रहे हैं। इस मौके पर शिवलिंग पर जल, दूध, दही, गन्ने का रस, शहद, गंगाजल, धतूरा, आक का फूल, भांग, बेर, बेलपत्र आदि अर्पित कर रहे हैं। माना जाता है कि आज शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, बेर आदि चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा मिलती है तथा मनोकामनाएं पूरी होती हैं। बिहार के सभी मंदिर‘हर-हर महादेव उद्घोष से गुंजायमान हैं। भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक और पूजन करने के लिए महिला पुरुष सभी लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते नजर आ रहे हैं।
भगवान भोलेनाथ को आज बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है। कुंवारी लड़कियां आज के दिन बेलपत्र चढ़ा कर भगवान भोलेनाथ को खुश करती हैं। आज के दिन अधिकांश महिलाएं और लड़कियां उपवास रखकर शिवरात्रि करती हैं, ऐसा माना जाता है कि कुंवारी लड़कियां उपवास रखकर आज के दिन पूजा करती हैं तो उन्हें अच्छे पति मिलते हैं। महाशिवरात्रि को लेकर मंदिरों में पूजन, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक के लिए खास इंतजाम किए गए हैं।
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