भागलपुर, 29 अप्रैल 2025 — “पहले कभी घर से बाहर कदम नहीं रखा था, लेकिन आज आत्मनिर्भर होकर अपने सारे काम खुद करती हूं।” यह कहना है प्रशस्तडीह पंचायत, कहलगांव प्रखंड की मंजू देवी का, जो बिहार सरकार की जीविका योजना के तहत आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में अपनी उपलब्धियों को साझा कर रही थीं।
इसी कार्यक्रम में कोदवार पंचायत की काजल कुमारी ने बताया कि उन्हें सरकार से प्रोत्साहन राशि मिली है, जिससे वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। काजल का सपना है शिक्षक बनकर समाज में लड़कियों के बीच शिक्षा की ज्योति फैलाना।
महिलाओं में बढ़ रही है आत्मविश्वास और आकांक्षा
मंजू देवी और काजल कुमारी जैसी सैकड़ों महिलाएं आज बिहार सरकार की योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी जिंदगी संवार रही हैं। कभी सामाजिक दबाव और संसाधनों की कमी के कारण घर तक सीमित रहने वाली महिलाएं अब स्वयं निर्णय लेने, रोजगार अपनाने और समाज को दिशा देने का काम कर रही हैं।
महिला संवाद कार्यक्रम महिलाओं को मंच देता है, जहां वे स्थानीय मुद्दों, सामाजिक आवश्यकताओं, और अपने अधिकारों पर खुलकर चर्चा करती हैं। महिलाओं की आकांक्षाओं में अब सिर्फ घरेलू ज़रूरतें नहीं, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, और स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी शामिल है।
12 दिनों में 75 हजार से अधिक महिलाएं हुईं शामिल
जिले में बीते 12 दिनों से चल रहे महिला संवाद कार्यक्रम में अब तक 345 ग्राम संगठनों के तहत आयोजन हो चुके हैं। इन संवादों में 75,000 से अधिक महिलाएं सक्रिय रूप से भाग ले चुकी हैं। साथ ही बड़ी संख्या में पुरुषों और बच्चों की भागीदारी ने इस संवाद को एक सामुदायिक आंदोलन का रूप दे दिया है।
महिला सशक्तिकरण की दिशा में मील का पत्थर
बिहार सरकार की पहल ‘महिला संवाद’ न केवल महिलाओं को आत्मविश्वास से भर रही है, बल्कि ग्रामीण समाज में नए सोच और सकारात्मक बदलाव का वाहक भी बन रही है। इन संवादों के माध्यम से महिलाएं न केवल अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो रही हैं, बल्कि वे अब अपने गांव, पंचायत और राज्य के विकास में भागीदारी निभाने को भी तैयार हैं।