मणिपुर में 4 मई को दो महिलाओं के साथ हुई दरिंदगी के मामले अबतक चार आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार लिया है। ये आरोपी कांगपोकपी जिले में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने वाली भीड़ में शामिल थे। इससे पहले मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि बाकी के आरोपियों की तलाश जारी है। इसके कुछ ही घंटों बाद दो और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
कांगपोकपी जिले में हुई थी हैवानियत
बुधवार को सामने आए 26 सेकेंड के वीडियो में गिरफ्तार आरोपियों में से एक को कांगपोकपी जिले के बी.फाइनोम गांव में भीड़ को सक्रिय रूप से निर्देश देते हुए देखा जा सकता है। इस आरोपी की पहचान 32 वर्षीय हुईरेम हेरादास सिंह के रूप में हुई है। गिरफ्तार किए गए अन्य तीन आरोपियों की पहचान तत्काल पता नहीं चली है।
पुलिस मामले की कर रही है जांच
वरिष्ठ अधिकारी वीडियो का विश्लेषण कर रहे हैं और उसमें मौजूद लोगों की मिलान गिरफ्तार आरोपियों के साथ कर रहे हैं। वीडियो पर स्वत: संज्ञान लेते हुए पुलिस ने कल रात कहा था कि अज्ञात हथियारबंद बदमाशों के खिलाफ थाउबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया है तथा दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास जारी हैं।
मुख्य आरोपी थाउबल जिले से गिरफ्तार
रात भर चली छापेमारी के बाद एक आरोपी हुईरेम हेरादास सिंह को थाउबल जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। ऐसा आरोप है कि भीड़ ने दोनों आदिवासी महिलाओं को छोड़ने से पहले उनका कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया था। इसी घटनाक्रम में ग्रामीणों ने आरोपी हेरादास सिंह के मकान को आग लगा दी और उसके परिवार को प्रताड़ित किया।
अपराधियों की मौत की सजा मिलनी चाहिए-बीरेन सिंह
मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह ने घटना को ‘‘अमानवीय’’ करार दिया और कहा कि अपराधियों को मौत की सजा मिलनी चाहिए। घटना की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने इसे मानवता के प्रति अपराध बताया और कहा कि उनकी सरकार इस जघन्य अपराध पर चुप नहीं रहेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वीडियो देखते ही उन्होंने साइबर अपराध विभाग से इसका सत्यापन करने को कहा और अपराधियों को पकड़ने के लिए अधिकारियों को व्यापक स्तर पर तलाशी अभियान चलाने का निर्देश दिया। सिंह ने आगे कहा कि उनकी सरकार राज्य में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और इसके तहत अलग-अलग समुदायों के विभिन्न सिविल सोसाइटी संगठनों, उद्यमियों, धार्मिक नेताओं से बातचीत की जा रही है।