सुप्रीम कोर्ट के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने मणिपुर घटना का संज्ञान लिया है। महिला आयोग ने घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए घटना की निंदा की और मणिपुर के डीजीपी को तुरंत उचित कार्रवाई करने के लिए कहा।
घटना पर राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य और भाजपा नेता खुशबू सुंदर ने कहा कि ये बिल्कुल चौंकाने वाली बात है। NCW ने इस घटना पर स्वत: संज्ञान लिया है। चेयरमैन रेखा शर्मा ने ट्वीट किया है। एक मानवीय समाज के रूप में हमारा सिर शर्म से झुक जाना चाहिए।
खुशबू सुंदर ने कहा कि हम सभी को राजनीतिक दोष को एक तरफ रखना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि इस तरह की घटनाएं दोबारा न हों। हमें महिलाओं के खिलाफ अपराध से सामूहिक रूप से लड़ने की जरूरत है। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
बृंदा करात ने पूछा- जवाबदेह कौन होगा?
मणिपुर की घटना पर सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने कहा कि घटना 4 मई की है। अब तक मणिपुर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। पीएम मोदी कह रहे हैं कि पूरे देश को इस घटना की निंदा करनी चाहिए, लेकिन जवाबदेह कौन होगा? पीएम और केंद्र सरकार को शर्म आनी चाहिए। पूरा देश मणिपुर सरकार, केंद्र सरकार और गृह मंत्री को जिम्मेदार ठहराएगा।
ओवैसी बोले- न्याय तभी होगा, जब पीएम सीबीआई जांच के आदेश देंगे
मणिपुर पर बोलते हुए एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं, “…पीएम को वीडियो पर प्रतिक्रिया देने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि यह अब वायरल हो गया है…वहां नरसंहार हो रहा है…न्याय तभी होगा जब सीएम को हटाया जाएगा और पीएम सीबीआई जांच के आदेश देंगे।”
राज्यसभा सांसद बोले- हमें शर्म से सिर झुका लेना चाहिए
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने घटना को लेकर कहा कि हमें शर्म से सिर झुका लेना चाहिए कि हमारे देश में ऐसा हो रहा है। आज सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद पीएम ने बयान दिया है। गृह मंत्री चुप क्यों हैं? ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ’ का क्या हुआ? क्या आप ऐसे बचाएंगे बेटियों को?
सुप्रीम कोर्ट भी सख्त, कहा- सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे
मणिपुर में दो महिलाओं को बिना कपड़ों के घुमाने के वीडियो मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा गया है कि मणिपुर का जो वीडियो सामने आया है वो वास्तव में परेशान करने वाला है। वहीं, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कार्रवाई करने को कहा है।
CJI का कहना है कि सांप्रदायिक झगड़े के क्षेत्र में महिलाओं को एक उपकरण के रूप में उपयोग करना बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने आगे कहा कि जो वीडियो सामने आए हैं उससे हम बेहद परेशान हैं। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अब समय आ गया है कि सरकार वास्तव में कदम उठाए और कार्रवाई करे। संवैधानिक लोकतंत्र में यह बिल्कुल अस्वीकार्य है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- अब तक केंद्र और राज्य सरकार ने क्या कार्रवाई की?
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से ये बताने को कहा कि अपराधियों को सजा दिलाने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है। मीडिया में दिखाई देने वाले दृश्यों के बारे में जो दिखाया गया है वह गंभीर संवैधानिक उल्लंघन और महिलाओं को हिंसा के साधन के रूप में उपयोग करके मानव जीवन का उल्लंघन दर्शाता है, जो संवैधानिक लोकतंत्र के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि केंद्र और राज्य सरकार उनके द्वारा उठाए गए कदमों से अदालत को अवगत कराएं। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को तय की है।
पीएम मोदी बोले- मुख्यमंत्री कठोर से कठोर कदम उठाएं
पीएम मोदी ने भी घटना को लेकर गुरुवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मणिपुर की जो घटना सामने आई है वो किसी भी सभ्य समाज के लिए ये शर्मसार करने वाली घटना है। गुनाह करने वाले कितने और कौन हैं, वो अपनी जगह पर हैं पर बेइज्जती पूरे देश की हो रही है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह करता हूं कि वो अपने राज्यों में कानून व्यवस्थाओं को और मजबूत करें। खासतौर पर हमारी मातओं-बहनों की रक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाए।
उन्होंने कहा कि इस देश के किसी भी कोने में, किसी के भी राज्य सरकार में राजनीति और वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था का महात्म्य और नारी का सम्मान है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि किसी भी गुनहगार को बख्शा नहीं जाएगा। कानून अपनी पूरी शक्ती से और सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा। मणिपुर की इन बेटियों के साथ जो हुआ है इसको कभी माफ नहीं किया जाएगा।