दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइंया की पीठ ने उन्हें जमानत दे दी। हालांकि कोर्ट ने केजरीवाल को 10-10 लाख रुपये के मुचलके के साथ-साथ उन पर कुछ शर्तें भी लगाई हैं। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता जश्न मना रहे है, वहीं केजरीवाल को जमानत मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी, उन पर हमलावर है।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने सीएम केजरीवाल को जमानत मिलने पर कहा कि एक आरोपी बेल पर बाहर आ रहा है, वो दिल्ली का दोषी और अपराधी है। दिल्ली के साथ अपराध किया है। लेकिन कोर्ट कहती है कि वो मुख्यमंत्री के रूप में कोई फाइल साइन नहीं कर सकते, दफ्तर नहीं जा सकते हैं। दिल्ली की हालात खराब है, सड़क टूटी है, पानी गंदा है, टैंकर माफिया हावी है, बिजली और पानी का बढ़ा बिल आ रहे हैं, शर्म नहीं आती है जब कुछ कर नहीं सकते हैं तो सीएम केजरीवाल इस्तीफा दे दें।
उन्होंने कहा कि आप किसी और को लेकर आओ, दिल्ली को इतनी तकलीफ दे दी है और कितनी तकलीफें देंगे। कोर्ट कहती है 10 लाख रुपये की जमानत पर बाहर जाएंगे, सीबीआई की गिरफ्तारी बिल्कुल कानूनी है, इसके बावजूद भी वो व्यक्ति इस्तीफा देने से इनकार कर रहा है, जिसके दिल में दिल्ली के प्रति जरा भी दर्द होता, ऐसी परिस्थिति में कोर्ट की टिप्पणी और निर्णय के बाद नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे देता। अरविंद केजरीवाल जी दिल्ली को कितना दर्द दोगे, ये दिल्ली की जनता पूछना चाहती है।
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि शराब घोटाले में अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बेल मिली है और आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है। केजरीवाल किसी फाइल में साइन नहीं कर सकते, ना ही मुख्यमंत्री कार्यालय और ना ही सचिवालय जा सकते हैं। इसका मतलब क्या हुआ, वो सिर्फ अपने ऐशोआराम के लिए मुख्यमंत्री रहेंगे, अलीशान बंगला और सरकारी गाड़ियों में घूम सकेंगे। लेकिन जनता का कोई काम नहीं कर सकेंगे। केजरीवाल को मिली बेल से जनता को कोई फायदा नहीं होने वाला है। मगर आम आदमी पार्टी मिठाइयां बांट रही है क्योंकि उन्हें जनता से कोई लेना देना नहीं है। सिर्फ अपने भ्रष्टाचार से लेना देना है।