Bihar

‘करप्शन’ से संपत्ति अर्जित करने में पहले भी फंसे हैं कई जेल अधीक्षक- AIG, निगरानी-EOU-SVU ने इन जेल अफसरों को किया है बेनकाब

पिछले कुछ समय से सुस्त पड़ी एजेंसी फिर से सक्रिय हुई है. नए साल में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार का अभियान फिर से तेज हुआ है. आज 4 जनवरी को आर्थिक अपराध इकाई ने पटना के आदर्श केंद्रीय कारा, बेउर के अधीक्षक विधु कुमार के ठिकानों पर छापामारी की है। भ्रष्टाचार और आय से अधिक संपत्ति मामले में जेल अधीक्षक के पटना, दानापुर और बिहटा के ठिकानों की तलाशी ली जा रही है। उनके सरकारी आवास के साथ निजी आवास को भी खंगाला जा रहा है। ईओयू के अनुसार, आय से अधिक संपत्ति मामले में ईओयू थाने में कारा अधीक्षक विधु कुमार के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। प्रारंभिक जांच में विधु कुमार के पास आय से 146 प्रतिशत अधिक संपत्ति पाई गई है। कारा अधीक्षक के ठिकानों से तलाशी में ईओयू को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और निवेश के कागज मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है। वैसे सिर्फ विधु कुमार ही नहीं हैं, जेल प्रशासन के कई अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में निगरानी-विशेष निगरानी और आर्थिक अपराध इकाई ने केस दर्ज किया है.

जेल एआईजी के खिलाफ 2022 में दर्ज हुआ था DA केस

वर्ष 2022 में बेउर जेल के अधीक्षक से प्रोन्नति पाकर जेल एआईजी बने रूपक कुमार के खिलाफ विशेष निगरानी इकाई ने बड़ी कार्रवाई की थी. आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में एसवीयू ने 10 अप्रैल 2022 को केस सं.-05/22 दर्ज किया था. इसके बाद जेल एआईजी रूपक कुमार के पटना स्थित ठिकानों और उनके कार्यालय पर छापेमारी हुई थी. आय से अधिक संपत्ति मामले में हुई छापेमारी में आशियाना नगर स्थित जेल एआईजी के आवास से कैश व अन्य कागजात बरामद किए गए थे. दूसरे राज्यों में भी अकूत संपत्ति होने का पता चला था. तब विशेष निगरानी इकाई ने बताया था कि छापेमारी में जेल एआईजी रूपक कुमार के नाम से झारखंड के देवघर में जमीन, जमशेदपुर के पॉश इलाके में फ्लैट, रांची में फ्लैट और जमीन, पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में जमीन और फ्लैट के कागजात, उत्तर प्रदेश के नोएडा में कमर्शियल दुकानें, नोएडा में प्लॉट, बिहटा पटना में जमीन, पटना के लोदीपुर में फ्लैट, बेंगलुरु में जमीन के प्लॉट का एग्रीमेंट, पटना में दो से तीन करोड़ का मकान, 5 लाख 80 हज़ार नकद मिले हैं. विशेष निगरानी इकाई ने 2022 में कार्रवाई की थी, हालांकि यह केस ्भी अनुसंधान में है.

निगरानी ब्यूरो ने अब तक 4 जेल अफसरों के खिलाफ दर्ज किया है केस

वहीं, निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने 2006 से लेकर 2021 तक जेल से जुड़े 4 अधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने या ट्रैप का केस दर्ज किया. सीतामढ़ी जेल के तत्कालीन अधीक्षक प्रेम कुमार के खिलाफ नवंबर 2006 में ट्रैप केस हुआ. इसके बाद दिसंबर 2006 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस सं-102/06 दर्ज हुआ। इस केस में 2008 में ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई. वहीं इस मामले में जांच एजेंसी ने निगरानी कोर्ट में आय से 16 लाख से अधिक संपत्ति जब्त करने को लेकर प्रस्ताव दिया है. सहरसा के तत्कालीन जेल अधीक्षक देवेन्द्र प्रसाद के खिलाफ 24.02.2012 को एओपीए के तहत केस दर्ज किया गया. जहानाबाद के तत्कालीन जेल अधीक्षक अरविंद कुमार मिश्रा निगरानी के ट्रैप में फंसे. इस संबंध में 39/14 केस दर्ज हुआ। निगरानी ने 2014 में ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दिया है. वहीं सारण के तत्कालीन जेल अधीक्षक रामाधार सिंह के खिलाफ 2021 में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का केस 55/21 दर्ज की गई है. इस मामले में जांच एजेंसी ने अभी तक चार्जशीट दाखिल नहीं किया है.


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी