अयोध्या राम मंदिर के कार्यक्रम पर कई मुस्लिम संगठनों ने उठाए सवाल, जानें कोर्ट के फैसले को लेकर क्या कहा

GridArt 20240106 145410245

अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर के कार्यक्रम को लेकर देश के बड़े मुस्लिम संगठनों ने बयान जारी किया है। इस बयान में राम मंदिर कार्यक्रम को लेकर सरकारी सरपरस्ती पर सवाल खड़े किए गए हैं। बयान में लिखा गया है कि जिस तरह से कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और सरकार कार्यक्रम कर रही है वह देश के सेक्यूलर दस्तूर के खिलाफ है। मुस्लिम संगठनों ने लिखा है कि हम अपनी इस बात को कहना चाहते हैं कि हम बाबरी मस्जिद से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं है, क्योंकि कोर्ट ने अपने फैसले में इस बात को माना कि इस बात के कोई सबूत नहीं मिले कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। इसके बावजूद भी कोर्ट ने सिर्फ आस्था को बुनियाद बनाकर मस्जिद की जगह मंदिर बनाने के लिए दे दी।

वर्शिप एक्ट का नहीं किया जा रहा पालन

मुस्लिम संगठनों ने आगे लिखा है कि हमें इस बात पर भी ऐतराज है कि 1991 वर्शिप एक्ट के कानून के बावजूद इस कानून को सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा और अदालतें इस कानून को दरकिनार करके दूसरी मस्जिदों पर भी सुनवाई कर रही हैं। यह रवैया अदालती निजाम पर देश की इंसाफ पसंद जनता के भरोसे को तोड़ने का कारण बन सकती है। ऐसे में राम मंदिर के कार्यक्रम में सरकार का शामिल होना विवादित बन जाता है। कोई भी सेक्यूलर इंसान इसको पसंद नहीं करेगा। हम देश के मुसलमान और देश की जनता से भी अपील करते हैं कि वह इन हालातों में अमन को बरकरार रखें। इन हालात से किसी को मायूस नहीं होना है और सब्र का दामन नहीं छोड़ना है। हम यह भी अपील करते हैं ऐसे मामले में मीडिया में गैर जिम्मेदाराना बयान ना दें ना ही सोशल मीडिया में कुछ लिखे या फॉरवर्ड करें।

इन मुस्लिम संगठनों के लोग रहे शामिल

यहां बता दें कि मुस्लिम संगठनों में जमीयत उलेमा ए हिंद से मौलाना महमूद मदनी, जमात अहले हदीस से मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सेल्फी, जमात ए इस्लामी ए हिंद से मलिक मोहसिन और मकबूल अहमद और स्दातुल्ला हुसैनी, अहले सुन्नत कर्नाटक से मौलाना तनवीर हाशमी, वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया से कासिम रसूल इलियास, ऑल इंडिया उलेमा ए मशाइक बोर्ड से मौलाना सैयद मोहम्मद अशरफ कछौचवी, एडिटर वार्ता भारती मंगलौर से अब्दुल सलाम, औरंगाबाद महाराष्ट्र से मुस्तफा फारूक, इमारत ए शरिया बिहार उड़ीसा झारखंड से मौलाना अहमद अली फैसल रहमानी, धार्मिक जन मोर्चा से सलीम इंजीनियर, बेंगलुरु से मौलाना शब्बीर अहमद हसन नदवी शामिल हैं।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.