‘बिहार में बहुत मरता है, एक-दो धरना देते मर जाएगा तो..’, प्रशांत किशोर पर गोपाल मंडल के विवादित बोल
उनकी मांग है कि फिर से री एग्जाम हो. बीपीएससी 70वीं परीक्षा को लेकर बिहार में सियासी घमासान तेज हो गया है. इस मामले में जदयू के बड़बोले विधायक गोपाल मंडल भी कूद पड़े हैं. उन्होंने प्रशांत किशोर और पप्पू यादव पर तीखा हमला बोला है.
गोपाल मंडल का विवादित बयान : गोपाल मंडल ने प्रशांत किशोर को नेता मानने से इंकार करते हुए कहा कि वो नेता नहीं बल्कि प्रचारक हैं. उपचुनाव में जनता ने उन्हें उनकी औकात दिखा दी. उनके धरने से कुछ नहीं होने वाला. गोपाल मंडल ने विवादित तरीके से कहा कि बिहार में बहुत मरता है, एक और चला जाएगा तो क्या बिगड़ जाएगा. ऐसे लोगों की हम लोग नेतागिरी नहीं चलने देंगे.
“प्रशांत किशोर को धरने पर बैठने की कोई जरूरत नहीं है. वह कोई नेता नहीं हैं. कभी नीतीश जी के प्रचारक थे, तो कभी मोदी जी के प्रचारक रहे, अब नेता बनने का दावा कर रहे हैं. हम उन्हें नेता नहीं मानते हैं. उपचुनाव में उन्होंने अपनी औकात देख ली है. उनका धरना देने से कुछ नहीं होने वाला. बिहार बहुत मरता है, एक और चला जाएगा तो क्या बिगड़ेगा? ऐसे लोगों का नेतागिरी नहीं चलेगा, हमको ऐसा नेता नहीं चाहिए.”– गोपाल मंडल, जेडीयू विधायक
गोपाल मंडल की नजर में कैसे होते हैं छात्र? : इसके अलावा, गोपाल मंडल ने छात्र आंदोलन को लेकर भी अपनी राय दी. उन्होंने कहा, “छात्र अजूबा किस्म के होते हैं. जब हम टीएनबी कॉलेजिएट में पढ़ते थे, तो निकलते वक्त शीशा फोड़ते हुए निकलते थे.”
पप्पू यादव को हिंदुस्तान का नेता बताया : जहां एक ओर गोपाल मंडल ने प्रशांत किशोर को नकारा, वहीं पप्पू यादव को लेकर उनकी राय कुछ अलग रही. उन्होंने कहा, “पप्पू यादव हिंदुस्तान का नेता है, उनका निर्णय हमेशा सही रहता है, लेकिन वह थोड़े बड़बोले हैं और बढ़-चढ़कर बोल देते हैं.”
बीपीएससी प्रदर्शनकारियों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया: बीपीएससी अभ्यर्थियों द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन पर गोपाल मंडल ने कहा कि यदि कोई उपद्रव मचाता है, तो उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. “अगर कोई परेशान करेगा, घर तोड़ेगा, तो हम मुकाबला करेंगे.” इस दौरान प्रदर्शन कर रहे छात्रों की भीड़ को रोकने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज करना पड़ा.
प्रशांत किशोर के रिएक्शन का इंतजार : बीपीएससी मामले को लेकर जारी सियासी बयानबाजी के बीच गोपाल मंडल का यह बयान बिहार की राजनीति में और हलचल पैदा करेगा. अब देखना है कि इस बयान के जवाब में प्रशांत किशोर और उनकी टीम किस तरह रिएक्शन देती है?
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