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पत्नी की उम्र 18 साल या इससे ज्यादा तो मैरिटल रेप अपराध नहीं: इलाहाबाद हाईकोर्ट

BySumit ZaaDav

दिसम्बर 10, 2023 #Allahabad High Court, #Marital Rape
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मैरिटल रेप को लेकर कहा है कि अगर पत्नी की उम्र 18 साल से अधिक है तो भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत इसे अपराध नहीं कहा जा सकता है। अदालत ने यह टिप्पणी एक मामले में एक अपनी पत्नी के साथ अप्राकृतिक अपराध के आरोपी पुरुष को बरी करते हुए की।

न्यायाधीश राम मनोहर नरायण मिश्रा की पीठ ने कहा कि इस मामले में आरोपी को आईपीसी की धारा 377 के तहत दोषी करार नहीं दिया जा सकता। पीठ ने कहा कि हमारे देश में अभी तक मैरिटल रेप को अपराध घोषित नहीं किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं याचिकाएं

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि मैरिटल रेप को अपराध बनाने को लेकर याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। ऐसे में जब तक शीर्ष अदालत इस पर फैसला नहीं लेती है तब तक ऐसे मामलों में अगर पत्नी की आयु 18 साल से ज्यादा है तो मैरिटल रेप के लिए कोई आपराधिक पेनाल्टी नहीं है।

इसे लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के एक पिछले फैसले का उल्लेख भी किया। अदालत ने यह भी कहा कि एक वैवाहिक संबंध में किसी अप्राकृतिक अपराध के लिए (आईपीसी की धारा 377 के अनुसार) कोई स्थान नहीं है

इन आरोपों में पति को ठहराया दोषी

बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ता महिला ने आरोप लगाया था कि उनकी शादी एक अपमानजनक रिश्ता है। महिला ने कहा था कि पति कथित तौर पर उसके साथ मौखिक और शारीरिक उत्पीड़न करता था। अदालत ने आरोपी को पति या पति के संबंधियों द्वारा निर्ममता से जुड़ी धारा (498-ए) और जानबूझकर चोट पहुंचाने (आईपीसी 323) के तहत दोषी ठहराया। वहीं, धारा 377 के तहत आरोपों में उसे बरी कर दिया।

उल्लेखनीय है कि इस साल सुप्रीम कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध की श्रेणी में लाने की मांग करने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई थी। केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से कह चुकी है कि मैरिटल रेप को अपराध बनाने से सामाज पर असर पड़ेगा।


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