गुरुग्राम/करनाल, संवाददाता।जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में भारतीय नौसेना के 26 वर्षीय अफसर लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की मौत की खबर से हरियाणा का करनाल और गुरुग्राम गहरे शोक में डूब गया। विनय की 16 अप्रैल को गुरुग्राम निवासी हिमांशी से शादी हुई थी और 21 अप्रैल को वे हनीमून के लिए कश्मीर गए थे। 22 अप्रैल को हुए हमले में विनय शहीद हो गए, जबकि हिमांशी किसी तरह जान बचाकर निकल पाईं।
नई ज़िंदगी शुरू होते ही मौत ने दस्तक दी
विनय और हिमांशी की शादी के केवल छह दिन ही बीते थे, और उनका जीवन एक नई शुरुआत की ओर था। पहलगाम के ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ माने जाने वाले बैसरन में जब आतंकियों ने हमला किया, तब ये नवविवाहित जोड़ा वहां मौजूद था।
हमले में आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें विनय को गोली लगी और वे मौके पर ही शहीद हो गए। हिमांशी किसी तरह वहां से बच निकलीं, लेकिन जीवन में कभी न मिटने वाला दर्द लेकर लौटीं।
घर में मातम और सन्नाटा
विनय करनाल के रहने वाले थे और हिमांशी गुरुग्राम के सेक्टर-47 में रहती हैं। हिमांशी के पिता हरियाणा जीएसटी विभाग में ईटीओ पद पर फरीदाबाद में तैनात हैं। जैसे ही खबर आई, दोनों परिवार कश्मीर रवाना हो गए। गुरुग्राम स्थित उनके घर पर ताले लटके हैं और बाहर लगे पार्क में आसपास के लोग श्रद्धांजलि अर्पित करने और शोक जताने के लिए एकत्र हो रहे हैं।
लोगों का कहना है:
“किसी ने सोचा भी नहीं था कि शादी के चंद दिन बाद ही दुल्हन विधवा हो जाएगी। विनय की शहादत हर भारतीय के लिए गर्व की बात है, मगर यह कीमत बहुत भारी है।”