अखंड सौभाग्य का पर्व हरतालिका तीज छह सितंबर को है। तीज पर सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु की कामना के लिए व्रत करेंगी। वे भगवान शिव व मां पार्वती की पूजा करेंगी। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। संध्या के समय डालिया भरेंगी।
जगन्नाथ मंदिर के पंडित सौरभ कुमार मिश्रा ने बताया कि भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत पांच सितंबर को सुबह 10 13 मिनट पर होगी। इस तिथि का समापन छह सितंबर को दोपहर 12 17 मिनट पर होगा। उदया तिथि मान्य होने के कारण हरतालिका तीज का व्रत छह सितंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 602 से 8 33 मिनट तक है।
इस मुहूर्त में उपासना करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा। दोपहर के बाद चतुर्थ तिथि प्रवेश कर जायेगा। इस कारण छह सितंबर को ही चौथ चांद का पूजन होगा। संकट मोचन दरबार के पंडित चंद्रशेखर झा ने बताया कि आस्था व विश्वास के साथ श्रद्धालु छह सितंबर को चौथ चांद का व्रत करेंगे।
ये है वजह
हरतालिका तीज व्रत को विवाहित महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति और पति की लंबी आयु के लिए करती हैं। वहीं, कुवारी लड़कियां मनचाहे वर और जल्द विवाह के लिए व्रत करती हैं। इस दिन शिव जी और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना कर प्रिय चीजों का भोग लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के वैवाहिक जीवन में खुशियों का आगमन होता है। साथ ही सुख-शांति की प्राप्ति होती है।
हरतालिका तीज शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा। ऐसे में हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को किया जाएगा। इस दिन पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 से सुबह 08 बजकर 33 मिनट तक है। इस मुहूर्त में उपासना करने से साधक को दोगुना फल प्राप्त होगा।
इन बातों का रखें ध्यान
इस व्रत के दौरान काले रंग के वस्त्र भूलकर भी धारण नहीं करने चाहिए, क्योंकि पूजा-पाठ के समय काले वस्त्र पहनना अशुभ माना जाता है। इसके अलावा शृंगार में काले रंग के प्रयोग करने से बचना चाहिए।
मां पार्वती के मंत्र
ॐ उमायै नम: ॐ पार्वत्यै नम: ऊं जगद्धात्र्यै नम: ॐ जगत्प्रतिष्ठयै नम: ॐशांतिरूपिण्यै नम: ॐ शिवायै नम: