सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल बने मसूद मंजर, 26 सालों से करा रहे दुर्गा पूजा

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नवरात्र चल रहे हैं और हर घर में मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा की जा रही है. वहीं गया में माँ दुर्गा की पूजा में केवल हिंदू ही नहीं बल्कि मुस्लिम भी हिस्सा लेते हैं. फतेहगंज पूजा पंडाल समिति में अधिवक्ता मसूद मंजर भी हैं. हालांकि इस मोहल्ले में एक भी मुस्लिम घर नहीं है, लेकिन 1998 में मसूद मंजर आपसी सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने के लिए मोहल्ले के लोगों के सहयोग से पूजा पंडाल समिति स्थापित किया था. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.

26 साल से हो रही दुर्गा पूजा: फतेहगंज पूजा समिति की खास बात यह है कि यहां सभी धर्म के लोग शामिल हैं. इस पूजा पंडाल समिति के मुखिया और अंगरक्षक के तौर पर एक मुस्लिम व्यक्ति हैं. गया शहर के कोतवाली थाना क्षेत्र में स्थित फतहगंज मोहल्ला है. यहां विगत 26 वर्षों से दुर्गा पूजा के अवसर पर मां दुर्गा की पूजा हो रही है. जिसके लिए एक औपचारिक आयोजन स्थल भी बनाया जाता है.

एक भी मुस्लिम घर नहीं है: पूजा समिति की खास बात यह है कि इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख समुदाय के लोग हैं. फतेहगंज पूजा पंडाल समिति में अधिवक्ता मसूद मंजर भी हैं. हालांकि इस मोहल्ले में एक भी मुस्लिम घर नहीं है लेकिन 1998 में मसूद मंजर ने आपसी सौहार्द और भाईचारा बनाए रखना के लिए मोहल्ले के लोगों के सहयोग से पूजा पंडाल समिति को स्थापित किया था. तभी से यह परंपरा चली आ रही है.

“अक्सर त्योहार के मौके पर सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की कोशिश सामाजिक तत्वों की होती हैं, ऐसे में उस समय के वार्ड पार्षद और मेरे मित्र प्रमोद नवतिया के साथ हमलोग मिलकर बात किए कि प्रत्येक साल दुर्गा प्रतिमा स्थापित करें और हम भी इस में शामिल रहेंगे. हम यहां से साम्प्रदायिक सद्भाव के भावना का संदेश देंगे. उसके बाद 1998 से यहां दूर्गा पूजा पंडाल स्थापित होने लगी और इसमें कई लोगों का सहयोग मिला है.” -मसूद मंजर, पूजा समिति सदस्य

गया का है अनोखा पंडाल: : मोहल्ले के निवासी संजय प्रसाद ने कहा कि इस मुहल्ले में एक भी मुस्लिम समुदाय के लोग नहीं है, लेकिन पूजा समिति में हमलोगों ने मुस्लिम समुदाय से लोगों को भी जोड़ने का काम किया है, ताकि हमलोगों की भाईचारिगी बरकरार रहे और आपसी सौहार्द बना रहे. हमलोगों को हर समुदाय से सहयोग मिलता है. हर परिवार और समुदाय के लोग खुशहाल रहे यही मनोकामना करते हैं.

“1998 से यहां फतहगंज में दुर्गा मां की प्रतिमा स्थापित हो रही है. तीन साल कोरोना काल में नही स्थापित हुई थी. इसमें सभी समुदाय के लोगों का सहयोग मिलता है. यह गया का अनोखा पंडाल है. जिसके पूजा समिति में हर धर्म के लोग जुड़े हुए हैं. यहां तक कि विसर्जन में भी सभी धर्म के लोग साथ जाते हैं.” -नीरज कुमार उर्फ छोटी, सदस्य, पूजा पंडाल समिति

गया में 385 पूजा पंडाल: जिला प्रशासन के अनुसार दुर्गा पूजा के अवसर पर सदर अनुमंडल क्षेत्र में 385 पूजा पंडाल और जुलूस प्रतिमा विसर्जन के लिए लाइसेंस दिये गये हैं. 385 लाइसेंस धारी पूजा पंडालों में एक शहरी क्षेत्र में स्थित फतेहगंज पूजा पंडाल समिति भी है जो आपसी सहयोग, सौहार्द और गंगा जमुनी तहजीब की मिसाल है.