बिहार पुलिस सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले की आर्थिक अपराध इकाई जांच कर रही है और अनुसंधान में बड़ा खुलासा सामने आया है. महीनों की जांच के बाद ईओयू ने बताया है कि सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र परीक्षा से 4 दिन पहले लीक हो गया था।
सिपाही भर्ती के प्रश्न पत्र लीक का मास्टरमाइंड संजीव मुखिया: बता दें कि 1 अक्टूबर 2023 को यह परीक्षा हुई थी जो पेपर लीक के कारण कैंसिल हुई और दोबारा अब तक इस पेपर का आयोजन नहीं हुआ है. ईओयू ने बताया है कि नीट और शिक्षक भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक करने के आरोपित नालंदा का संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया है. सिपाही भर्ती पेपर लीक का मास्टरमाइंड है।
अबतक 7 अरेस्ट: सिपाही भर्ती पेपर लीक मामले में पुलिस ने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं बीपीएससी के तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती पेपर लीक में पूर्व से गिरफ्तार संजीव मुखिया के बेटे डॉ शिव को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया गया है. उसके साथ सभी सात आरोपियों को जांच एजेंसी ने रिमांड पर लिया है।
कोलकाता की एक कंपनी का नाम आया सामने: पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि सिपाही भर्ती परीक्षा की प्रश्न पत्र की प्रिंटिंग पैकेजिंग और जिला कोषागार तक प्रश्न पत्र और अन्य गोपनीय सामान पहुंचाने की जिम्मेदारी कोलकाता की केलटेक्स मल्टीवेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को दी गई थी।
फेक कंपनी..कोई कर्मी नहीं: ईओयू ने अपने अनुसंधान में बताया कि यह एक छद्म कंपनी है जिसमें सिर्फ एक कमरे का कार्यालय है जहां कोई कर्मी तक नहीं था. कंपनी की अपनी कोई प्रिंटिंग प्रेस वेयरहाउस या लॉजिस्टिक व्यवस्था भी नहीं है. इस कंपनी ने सिपाही भर्ती परीक्षा से जुड़े काम अपराधिक षड्यंत्र के तहत ब्लेसिंग सिक्योर्ड प्रेस प्राइवेट लिमिटेड के जरिए आउटसोर्सिंग के जरिए कराए थे।
जिला कोषागार नहीं पहुंचा था प्रश्न पत्र: यह कंपनी कोलकाता की गिरफ्तार अभियुक्त कौशिक कर की है जो उत्तर प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश के कई परीक्षाओं के पेपर लीक का आरोपित रहा है और पूर्व में जेल भी जा चुका है. ईओयू के अनुसंधान में यह भी पता चला है कि सिपाही भर्ती परीक्षा का प्रश्न पत्र जिला कोषागार ना पहुंचकर पटना स्थित डीपी वर्ल्ड एक्सप्रेस लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के वेयरहाउस में अनलोड किया गया. यहां से जिला कोषागार के लिए आउटसोर्स के जरिए भेजा गया।
2 अक्टूबर को रद्द हुई थी परीक्षा: गौरतलब है कि सिपाही भर्ती परीक्षा 2 अक्टूबर को पेपर लीक के कारण रद्द कर दी गई थी. 21000 पदों पर आई वैकेंसी के लिए 18 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. ईओयू ने इस मामले में 5 जून को नालंदा के दीप नगर के अश्विनी रंजन उर्फ सोनी, नालंदा के नगरनौसा के विक्की कुमार, रोहतास के नटवर के अनिकेत उर्फ बादशाह को गिरफ्तार किया है और 26 जून को कोलकाता से कौशिक कुमार कर को गिरफ्तार किया है. सभी संजीव मुखिया गिरोह के सदस्य बताए जा रहे हैं।