सहरसा के मयंक ने UPSC की ESE परीक्षा में मारी बाजी; पहले प्रयास में ही हासिल की रैंक
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया गया। जारी परिणाम के अनुसार, सहरसा जिले के सलखुआ प्रखंड अंतर्गत माठा गांव निवासी शिक्षक राजीव रंजन उर्फ पप्पू के पुत्र मयंक रंजन ने पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की है। मयंक ने ऑल इंडिया में 82वां रैंक प्राप्त किया है। परिणाम की जानकारी मिलते ही स्वजनों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। गांव वाले भी मयंक की सफलता पर खुशी जता रहे हैं।
बता दें कि मयंक वर्तमान में भारत सरकार के लोक निर्माण विभाग में अभियंता के पद पर कार्यरत हैं। स्वजनों ने बताया कि मयंक ने इंटरमीडिएट की परीक्षा डीपीएस बोकारो से पास किया। बी-टेक आईआईटी (आईएसएम) धनबाद से किया।
बचपन से ही प्रतिभावान मयंक की सफलता पर जाने माने शिक्षाविद दादा सेवानिवृत्त शिक्षक ब्रह्मदेव कुमार यादव व दादी सुकीर्ति देवी ने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह कड़ी लगन व मेहनत का परिणाम है। मयंक रंजन के पिता मध्य विद्यालय बनकटी के एचएम राजीव रंजन, माता अर्चना कुमारी, सलखुआ पंचायत समिति सदस्य पीयुष गोयल ने मयंक की सफलता पर खुशी जताई है।
यूपीएससी की आईईएस परीक्षा में सत्यम को मिली सफलता
सिकरहना। ढाका प्रखंड के खरूआ चैनपुर गांव निवासी अवध किशोर प्रसाद के पुत्र सत्यम कुमार ने यूपीएससी द्वारा आयोजित आईईएस-2023 की परीक्षा में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। सत्यम को 83वां आल इंडिया रैंक प्राप्त हुआ है। पिता अवध किशोर प्रसाद भारतीय रेलवे में टीटीई के पद पर दरभंगा में कार्यरत हैं, तो मां सरिता रानी गांव के विद्यालय में शिक्षिका के दायित्व का निर्वहन कर रही हैं।
सत्यम की प्रारंभिक शिक्षा सीतामढ़ी में पूरी हुई थी। वर्ष 2013 में डीडीएम कॉलेज बैरगनिया से इंटर विज्ञान से पढ़ाई करते हुए जेई मेंस एवं एडवांस की परीक्षा दी थी। जेई मेंस में सफलता के आधार त्रिची कालेज में चयन हुआ। वहां से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक की पढ़ाई पूरी की। तत्पश्चात केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में कनीय अंभियंता के पद पर चयन हुआ। नौकरी करते हुए सत्यम ने यूपीएससी की परीक्षा दी और और उन्हें सफलता भी मिली। इसके लिए शिक्षाविद् जयंत कुमार, भाग्यनारायण राय सहित अन्य प्रबुद्धजनों ने बधाई दी है।