BiharNationalPoliticsTOP NEWS

बिहार में मायावती का नया दांव, BSP के फैसले से बढ़ेगी नीतीश-तेजस्वी की टेंशन

बिहार में लोकसभा की 40 सीटें हैं, जिन पर न सिर्फ बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन की नजर है, बल्कि कांग्रेस के नेतृत्व वाला इंडिया गठबंधन भी यहां जीत हासिल करना चाहता है. बिहार में इंडिया गठबंधन से पहले भी एक गठबंधन है, जिसे महागठबंधन के तौर पर जाता है. इसमें कांग्रेस, आरजेडी, जेडीयू और कम्युनिस्ट पार्टियां शामिल हैं. हालांकि, बिहार में महागठबंधन को बीजेपी से नहीं, बल्कि यूपी एक पार्टी से ज्यादा खतरा है.

दरअसल, मायावती की बहुजन समाज पार्टी यानी बीएसपी का मानना है कि वह बिहार में अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. बिहार बसपा प्रभारी राम जी गौतम ने एबीपी न्यूज से टेलीफोनिक बातचीत में कहा, बसपा पहले भी बिहार की सभी सीटों पर चुनाव लड़ चुकी है और 2024 में भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने वाली है. उन्होंने कहा कि बिहार में पार्टी की स्थिति काफी मजबूत है और ऐसे में हम वहां अच्छी सीट जीतेंगे. बसपा नेता की बातों में आत्मविश्वास साफ नजर आ रहा है.

लोकसभा चुनाव में अब बस कुछ महीनों का वक्त बचा हुआ है. ऐसे में अब सवाल उठ रहा है कि क्या बिहार में मायावती महागठबंधन का खेल बिगाड़ सकती हैं. बीएसपी ने जिस तरह से सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उसकी वजह से कहीं न कहीं नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ गई है. आइए आंकड़ों के जरिए जानते हैं कि क्यों ऐसा माना जा रहा है कि बिहार में महागठबंधन का खेल मायावाती की पार्टी बीएसपी बिगाड़ सकती है.

बिहार में पिछले चुनावों में बीएसपी का हाल क्या रहा? 

बिहार में 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने 243 सीटों में से 78 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को मैदान में उतारा. हालांकि, उसे सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई. बीएसपी के टिकट पर चैनपुर विधानसभा सीट से मोहम्मद जमां खान को जीत मिली. हालांकि, थोड़ा सा और आंकड़ें खंगालने पर पता चलता है कि बीएसपी दो सीटों पर रनरअप रही, जबकि 14 सीटों पर तीसरे स्थान पर रही. उसे 6,28,944 वोट मिले और वोटिंग पर्सेंटेज 1.5 फीसदी रहा.

अब जरा विधानसभा चुनाव से एक साल पहले हुए लोकसभा चुनाव की बात करते हैं. 2019 में बीएसपी ने 35 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे, मगर उसे किसी भी सीट पर जीत नहीं मिली. हालांकि, पार्टी को 6,82,655 वोट मिले और वोटिंग पर्सेंटेज 2 फीसदी रहा. बीएसपी 11 सीटों पर तीसरे नंबर पर रही. ऐसे में ये आंकड़ें इस बात का सबूत हैं कि अगर बीएसपी ने राज्य में थोड़ी और मेहनत की तो वह कुछ वोट अपने पाले में करते हुए महागठबंधन को नुकसान पहुंचा सकती है.

हाल के चुनावी नतीजों ने भी बढ़ाई टेंशन

बीएसपी को भले ही लोग उत्तर प्रदेश की पार्टी के तौर पर देखते हैं. मगर ये पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अच्छा प्रदर्शन कर चुकी है. हाल ही में संपन्न हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव में पार्टी को 2 सीटों पर जीत भी मिली. सादलपुर सीट से मनोज कुमार और बारी सीट से जसवंत सिंह गुर्जर को जीत हासिल हुई. बीएसपी को राजस्थान में 1.82 फीसदी वोट हासिल हुए. मध्य प्रदेश में भले ही पार्टी ने एक भी सीट नहीं जीती, मगर वोटिंग पर्सेंटेज 3.40 फीसदी रहा.

आंकड़े इस बात को साबित कर रहे हैं कि बीएसपी कहीं न कहीं महागठबंधन को बिहार में भी नुकसान पहुंचाने का माद्दा रखती है. बिहार की निचली जातियों में बीएसपी की पकड़ अगर मजबूत होती है, तो उनके वोट सीधे तौर पर महागठबंधन के खाते से खिसककर बीएसपी के पास पहुंच जाएंगे. अगर ऐसा होता है, तो बीजेपी के लिए बिहार में जीत हासिल करना बेहद आसान हो जाएगा. यही वजह है कि नीतीश और तेजस्वी को मिलकर इसकी काट ढूंढना होगा.


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी