मायागंज अस्पताल भागलपुर के सामने स्थित ओल्ड इंटर्न में रह रहे एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के छात्र रवि रंजन ने रविवार शाम को खुदकुशी कर ली। स्किपिंग रस्सी के सहारे पंखे से लटकता शव मिला। छात्र की मौत से आक्रोशित मेडिकल छात्रों ने जमकर बवाल काटा। मेडिकल प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की और प्रदर्शन किया। वहीं, मेडिकल कॉलेज परिसर में चल रहे डॉक्टरों के कार्यक्रम को बंद करवा दिया।
काफी समझाने बुझाने के बाद 45 मिनट के बाद नारेबाजी करते हुए सभी प्रदर्शनकारी छात्र मेडिकल कॉलेज से मायागंज लौट गए। शाम 5:30 बजे रवि रंजन का दोस्त ईश्वर हॉस्टल पहुंचा और कई बार फोन करने के बाद भी न तो मोबाइल रिसीव किया गया और न ही रवि का कोई जवाब मिलने पर ईश्वर ने अन्य दोस्तों को भी वहां बुला लिया।
दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे दोस्त
इसके बाद जब दरवाजा तोड़कर कमरे के अंदर गए तो रवि को पंखे से लटकता हुआ पाया। इसकी सूचना उनलोगों ने बरारी पुलिस और अस्पताल प्रशासन को दी। सूचना पर मौके पर पहुंची बरारी पुलिस ने मामले की जांच की। बाद में अस्पताल अधीक्षक भी वहां पहुंचकर घटना की जानकारी ली। इसके बाद पुलिस ने को बंद कमरे में किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी। एफएसएल जांच के बाद ही आगे की प्रक्रिया होगी।
मेडिकल कॉलेज पर लगे आरोप
इधर, आक्रोशित छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में चल रहे कार्यक्रम को बंद करवा दिया। हंगामा करने वाले छात्रों का कहना था कि रवि रंजन को सेंटप होने से रोक दिया गया था और जब परीक्षा का समय आया तो सेंटप किया गया। ऐसी स्थिति में परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाना संभव नहीं था।
मेडिकल प्रशासन की ओर से रवि को मानसिक तनाव दिया गया। खुदकुशी करने के लिए उकसाया गया। कार्यक्रम में मौजूद सीनियर डॉक्टर्स माइकिंग कर छात्रों से शांत रहने की यह कहते हुए अपील कर रहे थे कि रवि उन्हीं के बीच का था। उसकी मौत से वे दुखी हैं।
यह भी बार-बार बोल रहे थे कि मेडिकल कॉलेज प्रशासन की गलती है। यदि रवि पढ़ने में कमजोर था तो कॉलेज प्रशासन ने सुधार के लिए क्या व्यवस्था की। सेंटप करने से रोकना ही किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता। इसलिए इस मामले में वे छात्रों के साथ हैं।
हालांकि, इस दौरान छात्र बार-बार कॉलेज के प्रिंसिपल को बुलाने की मांग कर रहे थे। इधर, पटना रामकृष्ण नगर के रहने वाले रवि के माता-पिता को सूचना दे दी गई है। वे लोग पटना से भागलपुर के लिए निकल चुके हैं।