बिहार सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने और चिकित्सा शिक्षा के विस्तार के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 25 फरवरी को हुई कैबिनेट बैठक में नवादा, जहानाबाद, कैमूर, बांका और औरंगाबाद जिलों में नए राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पतालों के निर्माण को मंजूरी दी गई।
इस महत्वपूर्ण निर्णय से न केवल चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि लाखों लोगों को उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं भी स्थानीय स्तर पर उपलब्ध होंगी। इन पांचों जिलों में बनने वाले नए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लगभग 20,08 करोड़ रुपये (20 अरब 8 करोड़) की लागत से निर्मित किए जाएंगे।
हर जिले में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं
इन मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का निर्माण नवादा, जहानाबाद, कैमूर, बांका और औरंगाबाद (देव प्रखंड) में किया जाएगा। प्रत्येक जिले के लिए लगभग 4 अरब रुपये से अधिक का बजट स्वीकृत किया गया है, जिससे इन स्थानों पर अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से युक्त अस्पताल और मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।
इन मेडिकल कॉलेजों से क्या होंगे फायदे?
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- स्थानीय मरीजों को अपने ही जिले में मिलेगी आधुनिक चिकित्सा सुविधा
- राज्य में नए डॉक्टर और मेडिकल प्रोफेशनल्स की संख्या बढ़ेगी
- ग्रामीण इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर पहुंच होगी
- बिहार का स्वास्थ्य ढांचा और अधिक आत्मनिर्भर एवं मजबूत बनेगा
बिहार स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर
नए मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के निर्माण से राज्य में चिकित्सा शिक्षा के नए द्वार खुलेंगे और हजारों छात्रों को डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा। साथ ही, आमजन को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं अपने ही जिले में उपलब्ध होंगी, जिससे उन्हें अन्य शहरों में इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
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