मेडिकल शिक्षा के लिए बड़े पैमाने पर छात्र विदेश जा रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार चाहती है कि उन्हें देश में ही सीटें उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए सरकार अगले पांच वर्षों में मेडिकल की 75 हजार नई सीटें बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए एक योजना का खाका तैयार किया जा रहा है।
देश में इस समय एमबीबीएस की 1,12,117 सीटें हैं। इसके बावजूद बड़े पैमाने पर छात्र पूर्व सोवियत देशों, चीन, बांग्लादेश आदि में मेडिकल की पढ़ाई के लिए जा रहे हैं। एक आकलन के अनुसार मौजूदा समय में करीब 30-35 हजार छात्र इन देशों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं।
सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए देश में मेडिकल सीटों की जरूरत का आंकलन किया है। इसी को देखते हुए 75 हजार नई सीटें सृजित करने का लक्ष्य रखा है। कोशिश है कि इन सीटों की संख्या को दो लाख सालाना के आसपास पहुंचाई जाए।
सबसे ज्यादा मेडिकल कॉलेज भारत में: देश में इस समय 731 मेडिकल कॉलेज हैं। 2014 में इनकी संख्या 387 थी। यानी पिछले दस सालों में इनकी संख्या करीब-करीब दोगुनी हो गई है। दुनिया के किसी भी देश में इतने मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। फिर भी छात्रों को सीटें नहीं मिल पाती हैं। देश में मेडिकल पीजी की सीटें भी बढ़ीं हैं। 2014 में ये 31185 थी जो अब बढ़कर 72627 तक पहुंच गई हैं।
ऐसे बढ़ेंगी सीटें
योजना के तहत मौजूदा समय में जिन मेडिकल कॉलेजों के पास अच्छा बुनियादी ढांचा है, उन्हें और सीटें बढ़ाने के अवसर दिए जाएंगे। इसके अलावा नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना, जिला अस्पतालों को अपग्रेड कर मेडिकल कॉलेज बनाना, बड़े निजी अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए प्रेरित करना आदि शामिल है।
वर्तमान स्थिति
● 56,300 एमबीबीएस सीटें सरकारी कॉलेजों में
● 52640 एमबीबीएस सीटें निजी कॉजलों में
● कुछ सीटें ट्रस्ट संचालित कॉलेजों में