माइटी-एमएचआई के संयुक्त पहल से ईवी क्षेत्र में देसी टेक्नोलॉजी को मिलेगा बढ़ावा
इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (माइटी) ने भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) के साथ मिलकर सोमवार को नई दिल्ली के इलेक्ट्रॉनिक्स निकेतन में आयोजित एक समारोह में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सब-सिस्टम के विकास से जुड़े प्रस्तावों के लिए संयुक्त पहल (ज्वाइंट कॉल) का ऐलान किया। इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) सब-सिस्टम के विकास के लिए इस संयुक्त पहल को लॉन्च करते हुए माइटी सचिव एस कृष्णन ने कहा कि “उद्योग और शिक्षा जगत के साथ मिलकर अन्वेषक और शोधकर्ता प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा दे सकते हैं और ईवी इकोसिस्टम के लिए स्वदेशी उत्पाद उपलब्ध करा सकते हैं।” एमएचआई के अपर सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी ने कहा कि “माइटी-एमएचआई के संयुक्त प्रस्ताव की पहल से ईवी क्षेत्र में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास को बढ़ावा मिलेगा।”
प्रस्तावों के लिए संयुक्त पहल में ईवी चार्जर और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, ईवी के लिए मशीनें और ड्राइव, बैटरी और बैटरी प्रबंधन प्रणाली, टेलीमैटिक्स, कार्यात्मक सुरक्षा और संरक्षा, प्रोटोटाइपिंग के लिए केंद्र, ईवी सब-सिस्टम के सत्यापन के लिए परीक्षण जैसे नवाचार के प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह पहल अनुसंधान संस्थानों, स्टार्टअप और उद्योग के खिलाड़ियों की भागीदारी को प्रोत्साहित करती है। चुने गए प्रस्तावों को माइटी से वित्तीय सहायता मिलेगी, जबकि एमएचआई मानकीकरण और परीक्षण सहायता प्रदान करेगा। इच्छुक संस्थान/उद्योग/शिक्षाविद माइटी वेबसाइट के माध्यम से अपने प्रस्ताव प्रस्तुत कर सकते हैं।
यह पहल भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है और इसका उद्देश्य ईवी क्षेत्र में वैश्विक लीडर के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करना है। प्रस्ताव के लिए इस संयुक्त पहल का शुभारंभ एक टिकाऊ और विद्युतीकृत भविष्य की दिशा में सहायक होगा और उम्मीद है कि इससे देश के ईवी अपनाने के लक्ष्यों में योगदान देने वाले कई तरह के अभिनव समाधान सामने आएंगे। प्रस्ताव के लिए आह्वान का विवरण यहां उपलब्ध है: https://www.meity.gov.in/whatsnew
कार्यक्रम का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहन के लिए जरूरी आवश्यक सब-सिस्टम्स को विकसित करना है, जिसमें इलेक्ट्रिक मोटर और ड्राइव कंट्रोलर्स के साथ इलेक्ट्रिक ड्राइव ट्रेन, विभिन्न वोल्टेज/वर्तमान स्तरों में एसी और डीसी से चार्ज करने के विकल्प के साथ इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, ईवी के कारण ग्रिड की गड़बड़ी और सुरक्षा, इंटेलिजेंस आदि के साथ बैटरी प्रबंधन प्रणाली शामिल हैं।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वदेशी उपकरणों के व्यापक उपयोग के साथ स्वदेशी सब-सिस्टम्स का विकास करना है, जिससे गुणवत्ता, लागत प्रभावशीलता सुनिश्चित हो सके और प्रासंगिक उद्योगों के सहयोग से व्यावसायीकरण के लिए तैयार हो सके। 7 और उससे अधिक के प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (टीआरएल) के साथ एक उपकरण/प्रोटोटाइप के विकास की ओर अग्रसर होने वाली परियोजना और व्यावसायीकरण की क्षमता के लिए वित्तीय सहायता के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
इस कार्यक्रम में माइटी में सचिव एस. कृष्णन, माइटी अपर सचिव भुवनेश कुमार और माइटी में अपर सचिव डॉ. हनीफ कुरैशी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग के प्रमुख हितधारकों ने भाग लिया। इस पहल का उद्देश्य महत्वपूर्ण इलेक्ट्रिक वाहनों के अनुसंधान, विकास, विनिर्माण में तेजी लाना और मोटर, कंट्रोलर, कन्वर्टर्स, बैटरी प्रबंधन प्रणाली आदि के क्षेत्रों में नवाचार और उत्पाद विकास को बढ़ावा देना है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.