पटना: सूबे के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने गांधी मैदान, पटना में आयोजित तीन दिवसीय बागवानी महोत्सव का उद्घाटन किया। इस अवसर पर संजय कुमार अग्रवाल, सचिव, कृषि विभाग, बिहार ने इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में कृषि मंत्री पांडेय ने कहा कि रंग-बिरंगे फल, फूल, सब्जी एवं अन्य बागवानी उत्पादों से सुसज्जित बागवानी महोत्सव, 2025 कृषकों के उत्साह का गवाह है। कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो राज्य के आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक क्रिया-कलापों का आधार है।
किसानों की बढ़ी आय का बड़ा योगदान रहा’
मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार की अर्थव्यवस्था में बागवानी खासकर फल, फूल, सब्जी, मसाला आदि की भूमिका अहम् साबित हो रही है। वर्ष 2005 के समय राज्य में प्रतिव्यक्ति आय 7 हजार 500 के करीब थी, वहीं आज इस राज्य की प्रतिव्यक्ति आय 66 हजार हो गयी है। 20 वर्षों में माननीय मुख्यमंत्री के नेतृत्त्व में राज्य में लगभग 8 गुणा से अधिक प्रतिव्यक्ति आय बढ़ी है, जिसमें किसानों की बढ़ी आय का बड़ा योगदान रहा है। यदि हम सभी राज्य को सुखी व समृद्ध बनाना चाहते हैं, तो बागवानी के माध्यम से किसानों को समृद्ध कर उस लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इस मौके पर कृषि मंत्री ने एक अहम घोषणा की है कि बिहार में शहद के उत्पादन एवं प्रोत्साहन नीति कृषि विभाग शीघ्र बनायेगी, जिसे सरकार राज्यभर में बढ़ावा देगी। खासकर भूमिहीन किसानों को शहद उत्पादन से जोड़ने की पहल को लेकर नीति बनायी जाएगी। भूमिहीन किसान मधुमक्खीपालन कर खुद को सशक्त बनायेंगे। सूर्यमुखी, सहजन, सरसों, लीची जैसे फल फूलों के शहद का उत्पादन करने की नीति बनेगी।
‘कृषि रोडमैप के लक्ष्य से आगे बढ़कर भी सोचने की जरुरत’
पांडेय ने कहा कि महोत्सव में सिर्फ बागवानी उत्पादों का प्रदर्शनी ही नहीं, बल्कि फल, फूल, सब्जी के बीज, बिचड़ा, पौधा, बागवानी उपकरण, मधु, मखाना, मशरूम, चाय आदि की बिक्री की भी व्यवस्था की गई है। बिहार में कुल 13.50 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बागवानी की फसलों की खेती की जाती है, जिससे करीब 286.45 लाख मीट्रिक टन फल, फूल, सब्जी आदि बागवानी उत्पाद का उत्पादन होता है, जिसे आने वाले समय में और बढ़ाने का लक्ष्य है। कृषि रोडमैप के लक्ष्य से आगे बढ़कर भी सोचने की जरुरत है। सालाना लक्ष्य निर्धारित करने की दिशा में भी हम सोच सकते हैं। हमें वर्ष 2025 में बागवानी का लक्ष्य बढ़ाकर 18 लाख हेक्टेयर एवं 2026 में इसे बढ़ाकर 20 लाख हेक्टेयर पर ले जाने का लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। राज्य बागवानी के क्षेत्र में बिहार लगातार आगे की ओर बढ़ रहा है। आज हमारे कृषक पारंपरिक बागवानी फसलों के साथ-साथ उच्च बाजार मूल्य वाले एक्जोटिक फल, ड्रैगन फ्रूट्स, स्ट्रॉबेरी आदि की खेती कर रहे हैं।
‘बागवानी महोत्सव में प्रदर्शनी में लगाए गए 60 स्टॉल’
कृषि मंत्री ने कहा कि इन उत्पादों का उचित भंडारण हो, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन हो, बाजार की सुलभ उपलब्धता हो, कृषि विभाग इस दिशा में तीव्र गति से कार्य कर रही है। इस कड़ी में राज्य सरकार के द्वारा कृषि विभाग के अन्तर्गत कृषि विपणन निदेशालय का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य उपलब्ध करवाना, किसानों को बाजार की व्यवस्था उपलब्ध करवाना, किसानों के उत्पादों में मूल्य संवर्द्धन करवाना, भंडारण की सुविधा, बेहतर पैकेजिंग आदि की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाना है। बागवानी महोत्सव में सभी जिलों से करीब 1500 कृषकों ने 14 हजार से ज्यादा प्रदर्शों के साथ भाग लिया है। बागवानी महोत्सव में प्रदर्शनी में लगभग 60 स्टॉल लगाए गए हैं, जहां से दर्शक बंधु मनपसन्द फल, फूल, सब्जी के बीज/बिचड़ा, पौधा, गमला, मधु, मखाना, मशरूम आदि खरीद भी सकते हैं।
विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस महोत्सव के आयोजन का उद्देश्य बाजारोन्मुख बागवानी उत्पादों के गुणवत्तायुक्त उत्पादन हेतु कृषकों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा बढ़ाना है। वहीं बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकी उपकरण से रूबरू कराना तथा कृषकों को उनके उत्पादों का सही मूल्य प्राप्त हो, इसके लिए निर्यात प्रोत्साहन हेतु कृषकों एवं व्यापारियों को एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराना है। इस अवसर पर कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. वीरेन्द्र प्रसाद यादव, प्रबंध निदेशक, बिहार राज्य बीज निगम डॉ. आलोक रंजन घोष, निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, पद्मश्री से सम्मानित किसान चाची राजकुमारी देवी, संयुक्त सचिव मदन कुमार, माननीय मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, अपर निदेशक (शष्य) धनंजय पति त्रिपाठी, निदेशक पीपीएम संतोष कुमार उत्तम, संयुक्त निदेशक उद्यान राधा रमण, निदेशक बसोका संनत कुमार जयपुरियार सहित विभागीय पदाधिकारी एवं किसान गण उपस्थित थे।