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मंत्री प्रेम कुमार ने की बिहार राज्य जैव विविद्यता पर्षद् से संबंधित समीक्षा बैठक, लंबित कार्यों को अविलंब पूर्ण करने का निदेश

पटनाः वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री डॉ. प्रेम कुमार की अध्यक्षता में अरण्य भवन स्थित कार्यालय कक्ष में बिहार राज्य जैव विविद्यता पर्षद् से संबंधित विषयों पर समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में अध्यक्ष, बिहार राज्य जैव विविद्यता पर्षद, पटना / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक-सह-मुख्य वन्यप्राणी प्रतिपालक / अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, कार्य नियोजना प्रशिक्षण एवं विस्तार/सचिव, बिहार राज्य जैव विविद्यता पर्षद, पटना / मुख्य वन संरक्षक, संयुक्त वन प्रबंधन / वन संरक्षक, वन्यप्राणी अंचल / सदस्य सचिव, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, पटना तथा सचिवालय की ओर से संयुक्त सचिव, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार/ माननीय मंत्री के आप्त सचिव एवं विडियों कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी क्षेत्रीय मुख्य वन संरक्षक / वन संरक्षक / वन प्रमंडल पदाधिकारियों द्वारा भाग लिया गया।

  • मंत्री द्वारा जैव विविधता प्रबंधन समितियों की अद्यतन स्थिति, जैव विविधता विरासत वृक्ष/स्थल/कार्यशाला / शोध- अध्ययन इत्यादि की समीक्षा की गई एवं सभी निकायों में लक्ष्य के अनुरूप लंबित कार्यों को अविलंब पूर्ण करने का निदेश दिया गया।

  • सभी स्थानीय शहरी एवं ग्रामीण निकायों में जैव विविधता प्रबंधन समितियों (BMC) के गठन का कुल लक्ष्य 8885 है, जिसमें पंचायती राज निकाय ( ग्राम पंचायत / पंचायत समिति / जिला परिषद) अंतर्गत–8624 एवं शहरी निकाय (नगर पंचायत / नगर परिषद / नगर निगम ) – 261 है। जिसके तहत पंचायती राज निकाय अंतर्गत कुल 8517 एवं शहरी निकाय अंतर्गत 73 समितियों का गठन किया जा चुका है। शेष ग्रामीण क्षेत्रों में 107 तथा शहरी क्षेत्रों में 188 कुल 295 लंबित निकायों में प्राथमिकता पर BMC के गठन हेतु पंचायती राज विभाग तथा नगर विकास विभाग से अनुरोध किया गया है।

  • मंत्री द्वारा लंबित जैव विविधता प्रबंधन समितियों के गठन कार्य को अविलंब पूर्ण करने का निदेश दिया गया।

  • सभी स्थानीय निकायों में जन जैव विविधता पंजी (PBR) का निर्माण कार्य कराया जा चुका है, जिन्हें अद्यतन करने की कार्रवाई की जा रही है ।

  • मंत्री, पर्यावरण, वन जलवायु परिवर्तन विभाग के निदेशानुसार विभागीय कार्यक्रमों में BMC के सदस्यों को आमंत्रित किया जाना है, इस निमित पर्षद की ओर से सभी वन प्रमंडल पदाधिकारियों को जिला में आयोजित वन महात्सव एवं अन्य विभागीय कार्यक्रमों में स्थानीय BMC सदस्यों को भी आमंत्रित करने हेतु पत्र भेजी गई है।

  • जैव विविधता प्रबंधन समितियों को क्रियाशील करने हेतु जिला मुख्यालय एवं अनुमंडल में माह सितंबर, 2024 से अप्रैल, 2025 के बीच कुल 94 एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन प्रस्तावित है। अद्यतन वैशाली, गया, औरंगाबाद, नालंदा, भोजपुर, नवादा, जमुई, भागलपुर, बांका एवं बक्सर जिला / अनुमंडल मुख्यालयों में कुल 16 एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। शेष 78 प्रशिक्षण कार्यशालाओं का जिलों / अनुमंडल मुख्यालयों में संशोधित कार्यक्रम के अनुसार माह जुलाई 2025 तक आयोजन किया जाना है।

  • जैव विविधता प्रबंधन समितियों को अधिनियम / नियमावली के विभिन्न प्रवधानों से अवगत कराने तथा उनके क्षमतावर्धन हेतु जैव विविधता प्रबंधन मार्गदर्शिका के द्वितीय संस्करण का मुद्रण कराया गया है। इसका वितरण एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं में किया जा रहा है।

  • जैव विविधता विरासत वृक्षों की घोषणा अंतर्गत प्रथम चरण में राज्य के विभिन्न जिलों से प्राप्त 15000 वृक्षों में से विलक्षण गुणों के कुल 1500 वृक्षों को चिन्हित किया गया है। सरकार से विरासत वृक्षों के चिन्हिकरण, घोषणा एवं संरक्षण संबंधी दिशा-निर्देश का अनुमोदन प्रक्रियाधीन है।

  • राज्य के चार जिलों- मुंगेर, भागलपुर, जमुई तथा बक्सर में आठ प्रजातियों- पीपल, पाकड़, बरगद, नीम, कनकचम्पा, इमली, सेमल और महुआ के 30 वृक्षों से संबंधित गुणवत्ता वाले फोटो संग्रहित कर ली गई है। वृक्षों से संबंधित आलेख तैयार किया जा रहा है राज्य के “विरासत वृक्ष” संबंधी पुस्तिका का मुद्रण कराया जा रहा है।

  • जैव विविधता विरासत स्थल की घोषणा अंतर्गत सभी जिलों में उपयुक्त स्थल को चिन्हित कर प्रस्ताव की मांग संबंधित वन प्रमण्डल पदाधिकारी से की गई है जिसके तहत सारण, नालन्दा, औरंगाबाद तथा मोतिहारी, वन प्रमंडलों में चयनित स्थल संबंधी प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। शेष जिलों में भी उपयुक्त स्थल चिन्हित कर…प्रस्ताव की मांग संबंधित वन प्रमंडल पदाधिकारी से की गई है जिसके तहत सारण, नालंदा, औरंगाबाद तथा मोतिहारी, वन प्रमण्डलों में चयनित स्थल संबंधी प्रस्ताव प्राप्त हो चुका है। शेष जिलों में भी उपयुक्त स्थल चिन्हित करने का अनुरोध संबंधित वन पदाधिकारी से किया गया है।

  • अगले 15 वर्षों के लिए “बिहार राज्य जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना” का सूत्रण किया जा रहा है। फ्रेमवर्क डॉक्यूमेंट तैयार करने हेतु माह जुलाई, 2024 में कृषि, पशुपालन, मतस्यिकी, पर्यावरण एवं वन, अनुसंधान एवं एकैडमिक संस्थानों के विशेषज्ञों के साथ बैठक कर विशिष्ट प्रस्तावों / सुझावों की मांग की गई है माह मार्च, 2025 तक फ्रेमवर्क डॉक्यूमेंट तैयार करने का लक्ष्य है।

  • जैव विविधता संबंधी शोध अध्ययन, इत्यादि के तहत राज्य के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों, प्रबंधन संस्थानों एवं संबंधित विभागों से प्रस्ताव की मांग की गयी है। वर्तमान में वन से दो, पशुपालन से तीन तथा फलोत्पादन से तीन कुल 8 प्रस्ताव प्राप्त है। पर्षद् की आंतरिक समिति की दिनांक- 06.09.2024 तथा 01.10.2024 को हुई समीक्षा बैठक में कुछ आवश्यक संशोधनों के पश्चात् प्राप्त सभी आठ प्रस्ताव को उपयुक्त पाया गया है। पर्षद् की प्रस्तावित 10वीं बैठक में इन्हें अनुमोदन / अनुशंसा हेतु रखा जाएगा।

  • पंचायतों के अधिकार क्षेत्र से संग्रहित विनियमित जैविक संसाधनों / उत्पादों, जिनका उपयोग औषधी, सौंदर्य प्रसाधन, खाद्य एवं पोषण सामाग्रियों इत्यादि के रूप में अथवा उनके उत्पादन में होता है, के वाणिज्यिक व्यापार ( संग्रहण एवं विपणन) से होने वाले फायदा के अंश को सम्बन्धित जैव विविधता प्रबंधन समितियों से बांटने की अनिवार्यता सम्बन्धी सूचना स्थानीय समाचार पत्रों के माध्यम से दी गई है।

  • मंत्री द्वारा अविलंब बिहार राज्य जैव विविधता रणनीति एवं कार्य योजना का सूत्रण कराने का निदेश दिया गया। साथ ही उनके द्वारा जन जैव विविधता पंजी (PBR) में पंचायत में उपलब्ध जैव विविधता से संबंधित आंकड़ों की प्रविष्टि तथा उसको सार्वजनिक कराने का निदेश दिया गया, जिससे आम जन मानस लाभांवित हो सकेंगे।


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Kumar Aditya

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